आखिरकार शुरू हुई एलडीए वीसी के खिलाफ जांच

satendra iasलखनऊ। आवास विकास ने लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के उपाध्यक्ष और लखनऊ के पूर्व जिलाधिकारी सत्येंद्र सिंह यादव के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी है। राजधानी के गोमती नगर में एक झटके में 44 प्लॉटों का लैंड यूजेस बदला गया है। लैंड यूसेज बदलवाने वालों में नेता और अफसर भी शामिल। लैंड यूसेज बदलने से 44 प्लॉटों की कीमत एक झटके में ढ़ाई गुना बढ़ गई हैं। इन 44 प्लॉटों मे एलडीए वीसी संतेद्र सिंह का भी प्लॉट शामिल हैं। इसके चलते सत्येन्द्र सिंह के खिलाफ जाँच के आदेश दिए गए हैं। एक वेबसाईट को दिए इंटरव्यू में प्रमुख सचिव आवास सदाकांत ने बताया है कि एलडीए वीसी के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी बताये जाने वाले सत्येंद्र सिंह यादव पर लखनऊ के जिलाधिकारी से लेकर एलडीए के उपाध्यक्ष बनने तक कई आरोप लगे हैं। प्रमुख सचिव आवास ने कहा कि सत्येंद्र सिंह यादव के खिलाफ जितनी भी शिकायतें अब तक आई हैं, उन्हें एक साथ जुटाया जा रहा है। उनके फैसलों से जुड़ी सारी फाइलें भी तलब कर ली गई हैं। दो दिन में पूरी फाइल तैयार हो जाएगी। सदाकांत ने यह भी संकेत दिए कि एलडीए की विभिन्न योजनाओं में आवंटियों को प्लॉट और फ्लैट के आवंटन-समायोजन में गड़बड़ी और कई जनोपयोगी योजनाओं में पूरा बजट मिलने के बावजूद लेटलतीफी भी जांच के अहम बिंदु होंगे।
वीसी सतेंद्र सिंह के कार्यकाल में ऐसे कारनामे हो चुके है जिससे वे प्रश्नों के घेरे में आते हैं-
केवल जनेश्वर मिश्र पार्क में साँपों को पकडऩे के लिए .8 करोड़ का टेंडर।
डायल 100 की सड़क की सफाई के नाम पर 20 लाख का टेंडर दिया गया।
डीएम कैंप ऑफिस चमकाने के लिए 20 लाख का टेंडर
शहर में केवल 2 जगह होर्डिंग के लिए 43 लाख का टेंडर
वहीँ कब्रिस्तान की बाउन्ड्री बनाने के लिए 24 लाख का टेंडर