हार का जख्म भरने की तैयारी में लगे टीपू

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लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार को भुलाकर अब समाजवादी पार्टी ने नए सिरे से रणनीति बनानी शुरू कर दी है। पार्टी उपचुनाव के साथ ही नगर निकाय चुनावों में जीत हासिल कर 2019 से पहले पार्टी के कमबैक का संदेश देना चाहती है। इसके लिए अखिलेश यादव पार्टी के संविधान में भी संशोधन करने से पीछे नहीं हट रहे।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की कोशिश है कि आगामी उपचुनाव में जीत हासिल कर कार्यकर्ताओं और नेताओं का मनोबल बढ़ाया जाए। इसके लिए वह खुद दिग्गजों संग मिलकर रणनीति बना रहे हैं। गौरतलब है कि अगले छह महीनों के भीतर उन दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, जो सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के कारण खाली हुई हैं। अखिलेश चाहते हैं कि उनकी पार्टी मुख्यमंत्री योगी के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के संसदीय क्षेत्र फूलपुर में होने वाले उपचुनाव में समाजवादी पार्टी पूरे दमखम से उतरे। समाजवादी पार्टी का मुख्य फोकस 2019 के लोकसभा चुनाव पर है। पार्टी चाहती है कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले उपचुनाव और नगर निकाय चुनावों में जीत हासिल कर कार्यकर्ताओं में फिर से जीत का जोश भरा जाए। 2019 में भाजपा के ध्रुवीकरण का मुकाबला करने के लिए सपा ने पिछड़ों और अति पिछड़ों को साधने के लिए खास रणनीति बनाई है, जिन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत में अहम भूमिका निभाई है। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी ने राजनीतिक चुनौतियों का सामना करने के लिए पिछड़ों और दलितों पर खास ध्यान देने की योजना बनाई है। अब पार्टी संगठन में हर स्तर पर पिछड़ों व अति पिछड़ों को नुमाइंदगी देगी। इसके लिए पार्टी ने संविधान में संशोधन कर महासचिव, सचिव और उपाध्यक्ष के पद बढ़ाए गए हैं। फिलहाल अखिलेश यादव की निगाह इस वक्त दिल्ली में अप्रैल में होने वाले एमसीडी चुनाव पर है। एमसीडी चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी स्टार प्रचारकों के नाम भी घोषित कर दिए हैं, जिसमें अखिलेश यादव, डिंपल यादव और जया बच्चन समेत कई वरिष्ठ नेताओं को शामिल किया है। एमसीडी चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी पूरी तरह यूपी पर फोकस करेगी। इसके अलावा समाजवादी पार्टी पूरे उत्तर प्रदेश में 15 अप्रैल से सदस्यता अभियान चलाएगी।