सहारनपुर कांड का सच: भीम आर्मी की फंंडिंग की हक़ीकत

नई दिल्ली (आरएनएस)। सहारनपुर में जातीय हिंसा के आरोपी चंद्रशेखर उर्फ रावण की भीम आर्मी को विभिन्न दलों के नेताओं के अलावा हवाला के जरिये भी फंडिंग की गई। पिछले दो महीने में भीम आर्मी के एकाउंट में एकाएक 40-50 लाख रुपये ट्रांसफर हुए हैं। भीम आर्मी के लिए शामली का नीटू गौतम फेसबुक से पेटीएम के जरिये चंदा इक_ा कर रहा है। उसने अपना पेटीएम नंबर (8527533051) तक दे रखा है। खाते में पैसा मंगाने के लिए निखिल सबलानिया का एसबीआइ अकाउंट नंबर (36618032083) दिया गया है। जिसका ब्रांच कोड 1275, करोल बाग नई दिल्ली है। एयरटेल मनी से भी (8527533051) चंदा मांगा था। मुख्यमंत्री के आदेश पर इस मामले की जांच कर रही टीम में शामिल एडीजी कानून व्यवस्था आदित्य मिश्र, एसटीएफ के आइजी अभिताभ यश व विभिन्न 18 टीमों की जांच में यह राजफाश हुआ है। सूत्रों की मानें तो चंद्रशेखर रावण को कुछ सियासी दलों से प्रोत्साहन मिल रहा था। बसपा के साथ कांग्रेस के छह नेताओं की भूमिका की भी जांच हो रही है। चंद्रशेखर छुटमलपुर का निवासी है। उसके इलाके में पडऩे वाले बूथों पर डाले गये वोट का भी आंकड़ा निकाला जा रहा है। इससे पता चल सके कि उसका सियासी संरक्षक कौन है। जांच में स्पष्ट हुआ कि दो महीने पहले सहारनपुर की फिजा में नफरत का जहर घोलने की साजिश रची गई। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, भीम आर्मी को आर्थिक मदद दिलाने में देहरादून के एक बैंक अधिकारी की भी अहम भूमिका है। भीम आर्मी के कार्यकर्ता पथराव के वक्त कपड़ा बांधकर पहचान छिपाते हैं। यह उन्होंने कश्मीर की घटनाओं से सीखा है। नौ मई को भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने इसी तरह से सहारनपुर में आठ स्थानों पर पुलिस पर पथराव किया था। चकहरेटी में हमलावरों की गोली से जख्मी हुए प्रदीप चौहान की हालत नाजुक बनी हुई है। आशंका जताई जा रही है कि उसकी हालत में जल्द सुधार ना हुआ तो हालात बिगड़ सकते हैं। पुलिस-प्रशासन के अफसर लगातार उसकी हालत के बारे में अपडेट ले रहे हैं। खुफिया व आइबी के अनुसार, भीम आर्मी का संस्थापक चंद्रशेखर 2008-09 के बीच दलितों में चर्चाओं में आया। उस वक्त वह सहारनपुर के एएचपी इंटर कॉलेज में पढ़ रहा था। वहां उसने दलितों के लिए अलग पानी का नल होने पर आपत्ति जताई और ठाकुरों का विरोध किया था। इस कॉलेज में दो अलग नल थे, एक से दलित पानी पीते थे तो दूसरे से उच्च वर्ग के छात्र (ज्यादातर ठाकुर)। चंद्रशेखर ने इस भेदभाव के खिलाफ आंदोलन किया। 17 अप्रैल, 2016 को सहारनपुर के दरियापुर गांव से दलितों की बरात गुजरने का उच्च वर्ग ने विरोध किया।