मोदी सरकार पर बरसी माया: तीन साल में की केवल बातें

नई दिल्ली (आरएनएस)। बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने मोदी सरकार की 3 साल की उपलब्धियों को नगण्य बताते हुए कहा है कि बीते 3 सालों में केंद्र सरकार ने कोई काम नहीं किया सिर्फ बड़ी बड़ी बातें की हैं। बसपा की ओर से आज जारी मायावती के बयान में मोदी सरकार की उपलब्धियों को सरकारी विज्ञापनों के जरिए प्रचारित करने के लिए जनता का पैसा पानी की तरह बहाने का भी आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की दलित और अल्पसंख्यक विरोधी नीतियों के कारण न सिर्फ देश में सामाजिक समरसता का तानाबाना बुरी तरह से प्रभावित हुआ है बल्कि गलत आर्थिक नीतियों के कारण अमीर और गरीब के बीच की खाई और भी ज्यादा बढ़ गई है। मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार के 3 साल के कामकाज का आकलन करने पर साफ महसूस होता है कि समाज के कमजोर और दलित तबके के लोग गरीबी के दुश्चक्र में फंस गए हैं जबकि अमीर वर्ग के लोग लगातार धनाड्य होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश भर में लगातार बढ़ती मंहगाई, बेरोजगारी और जातीय एवं सांप्रदायिक हिंसा मोदी सरकार के देश बदलने के दावों की हकीकत को स्पष्ट करने के लिए काफी है। उन्होंने कहा कि सरकार किसान, मजदूर, दलित और अल्पसंख्यकों की बदहाली को छुपाने के लिए विकास के बड़े बड़े दावों को सच साबित करने के लिए सरकारी विज्ञापनों का सहारा ले रही है। इसके लिए सरकार ने विज्ञापनों पर अकूत धन खर्च करने की नीति अपनाई है।
मुठ्ठी भर पूंजीपतियों को ही लाभ पहुंचाया
मायावती ने कहा कि पिछले 3 सालों में मोदी सरकार ने सिर्फ मुठ्ठी भर पूंजीपतियों को ही लाभ पहुंचाया है। मायावती ने कहा कि ‘गोरक्षा के नाम पर निर्दोष दलितों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ भगवा ब्रिगेड का उपद्रव और आतंक मोदी सरकार की ही देन है। इससे जनसामान्य में न्याय की उम्मीद लगातार घट रही है जो देश हित के लिहाज से बेहतर भविष्य के लिए खतरनाक संकेत है।
गोरक्षा के नाम पर दलितों और मुसलमानों का शोषण
बसपा अध्यक्ष मायावती ने भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) पर गोरक्षा के नाम पर दलितों और मुसलमानों को परेशान करने का आरोप लगाया है। मायावती ने कहा कि भगवा ब्रिगेड दलितों और मुसलमानों को पूरे देश में गोरक्षा के नाम पर परेशान कर रहा है। भाजपा और उसकी केन्द्र सरकार को गरीबों, मजदूरों,किसानों और मेहनतकश लोगों से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि दलित पिछड़े और अल्पसंख्यक यह सोचने के लिए मजबूर हैं कि आखिर भाजपा की सरकार से उन्हें क्या मिला।