लालू फैमली कथा: कैंसिल होगी मीसा की संसद सदस्यता

नई दिल्ली। सीबीआइ छापेमारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती और दामाद शैलेश के तीन ठिकानों पर छापे मारे. इडी ने यह छापेमारी आठ हजार करोड़ रुपये काले धन को सफेद करने के मामले में की है. दिल्ली स्थित सैनिक व बिजवासन फार्म हाउस पहुंचे, जहां ताला लगा मिला. इसके बाद अफसर घिटोरनी के फार्म हाउस सरला निवास पहुंचे, जहां मीसा व शैलेश दोनों मौजूद थे. अफसरों ने फार्म हाउस की तलाशी ली. इस दौरान तलाशी में मिले मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और जमीन-जायदाद से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जब्त किये गये हैं। बाद में दोनों से फार्म हाउस की खरीद को ले कर घंटों पूछताछ की गयी. वहां मौजूद नौकरों व सहयोगियों से भी पूछताछ की गयी. मीसा व शैलेश पर आरोप है कि फर्जी कंपनियों से मिले पैसे से उन्होंने दिल्ली में संपत्ति खरीदी है. इसके पहले आयकर ने उन्हें नोटिस जारी किया था. मीसा व शैलेश 21 जून को आयकर के समक्ष हाजिर हुए थे. पटना के रहने वाले शैलेश कुमार की 1999 में मीसा भारती से शादी हुई. बड़ौदा से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके शैलेश ने लखनऊ से मैनेजमेंट का कोर्स किया.
आइटी इंजीनियर शैलेश ने आखिरी नौकरी इंफोसिस में की. अब खुद का बिजनेस देखते हैं. वहीं मीसा भारती लालू प्रसाद की सबसे बड़ी बेटी हैं. आपातकाल के दौरान मीसा कानून के तहत लालू प्रसाद की गिरफ्तारी हुई थी और इसी दौरान जन्म होने के कारण उनका नाम मीसा रखा गया. पटना मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल कर चुकी 41 साल की मीसा वर्तमान में राज्यसभा की सदस्य हैं. चुनावी हलफनामे में मीसा ने चार करोड़ की संपत्ति बतायी है.
घिटोरनी फार्म हाउस में छापे के बाद इडी की टीम शैलेश कुमार को सैनिक फार्म हाउस ले गये. यहां बंद पड़े कमरों को खुलवाकर तलाशी ली गयी. शैलेश से मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में करीब सात घंटे तक पूछताछ के बाद देर शाम छोड़ा गया. इडी मीसा के सीए राजेश अग्रवाल से पूछताछ के बाद की कडिय़ों को जोडऩे में जुटा है. जल्द ही दोनों को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है. लंबी पूछताछ के बाद िगरफ्तारी भी संभव है. भाजपा ने आरोप लगाया कि मीसा ने आयोग को गुमराह किया है. राज्यसभा चुनाव के दौरान अपने शपथपत्र में कई संपत्तियों की जानकारी नहीं दी है. भाजपा आयोग से मीसा की सदस्यता रद्द करने की शिकायत करेगी.
मीसा और शैलेश से पहले ही आयकर विभाग पूछताछ कर चुका है. मई में आयकर विभाग ने दिल्ली, एनसीआर में कई जगहों पर छापेमारी की थी. दोनों पर बेनामी संपत्ति कानून के तहत मामला भी दर्ज किया जा चुका है. अब इडी मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज करने की तैयारी में है. आठ हजार करोड़ रुपये काले धन को सफेद करने के मामले में इडी ने यह कार्रवाई की है. इस केस में सुरेंद्र जैन, वीरेंद्र जैन और सीए राजेश अग्रवाल की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है. पूछताछ व जांच में सामने आया कि जैन बंधु,जगत प्रोजेक्ट लि ने 2008 में मिशैल पैकर्स और प्रिंटर्स प्राइवेट लि के एक लाख 20 हजार शेयर 100 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से खरीदे थे. इन्हें खरीदने वाली चार कंपनियां शालिनी होल्डिंग लि, एड-फिन कैपिटल सर्विसेस (इंडिया) प्राइवेट लि, मणि माला दिल्ली प्रॉपर्टीज प्राइवेट लि और डायमंड विनिमय प्राइवेट लि थी. डायमंड विनिमय प्राइवेट लि को छोड़ कर सभी कंपनियां दिल्ली में पंजीकृत थी. जैन बंधु इसके कर्ताधर्ता थे.डायमंड विनिमय प्राइवेट लि कोलकाता की कंपनी है. इसी एक लाख 20 हजार शेयर को मीसा ने बाद में 10 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से खरीद लिया. आरोप है कि फर्जी कंपनियों से करोड़ों रुपये मिशेल पैकर्स एंड प्रिंटर्स में आये और इन्हीं पैसों से फार्म हाउस खरीदा गया.