मरने लगे जब बच्चे तब आयी सिलेंडर की याद

लखनऊ। गुरूवार व शुक्रवार को गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज के अस्पताल में कोहराम था। मरने वाले बच्चों के परिजन दहाड़े मार कर रो रहे थे तो अस्पताल प्रशासन लिक्विड ऑक्सीजन की कमी के चलते सिलेंडर के इंतजाम में जुटा था। किसी ठोस बैकअप का विकल्प अस्पताल के पास नही है। 10 अगस्त को शाम 7.30 बजे आक्सीजन की सप्लाई का प्रेशर लो होना शुरू हुआ। अस्पताल की अपनी रिपोर्ट बता रही है कि इसके बाद आनन फानन में 52 सिलंडर लगा कर सप्लाई दुरूस्त करने की कोशिशें शुरू हो गईं। फैजाबाद से 50 सिलंेडर मंगाये गए। जो रात 1.30 बजे पहुंचा। 11 अगस्त की सुबह 8.30 बजे फिर से फिर से सिलंडर लाये गए। दोपहर 1.30 बजे गोरखपुर के मोदी फार्मा से 22 सिलंेडर लाए गए। 4.30 बजे फिर से 36 सिलंेडर लाए गए। इसके बाद फैजाबाद की एक फर्म से 100 सिलंडर मंगाये गए।
उधर, 11 अगस्त को सिलंडर की कमी को देखते हुए सुबह की बच्चों को अम्बू बैग से ऑक्सीजन दी जा रही थी। ऑक्सीजन की कमी से देवरिया के अमित सिंह की बेटी प्रतिज्ञा की मौत हो गयी। कुशीनगर के मृत्युंजय पाठक ने अपने पांच दिन के बच्चे को मेडिकल कालेज में भर्ती कराया था। पाठक ने कहा कि वे सुबह से ही हाथ से आक्सीजन का पंप चला रहे थे।