मेहरानगढ़ दुर्ग में फिर गूंजेगी संगीत स्वर लहरियां

नई दिल्ली। शरद पूर्णिमा के चांद की चांदनी जों की इस समय वर्ष में सबसे प्रखर होती है, और इस चादनी छटा में जोधपुर का ऐतिहासिक मेहरानगढ़ दुर्ग एक बार फिर से दमक उठेगा जब वहां 5 से 9 अक्टूबर, के बीच होने वाले राजस्थान अंतर्राष्ट्रीय लोक उत्सव जोधपुर रिफ 2017 के तहत भारत व विश्व भर से आये संगीतकार अपने सुरों का जादू बिखेरेंगे। दिल को छू जाने वाले संगीत और अपने खुशनुमा माहौल के लिए प्रसिद्ध रिफ में जब राजस्थानी लोकसंगीत के साथ विश्व भर की कई संगीत शैलियों की स्वर लहरियां गूंजेंगी तो एक अदभुत ही समा बंधेगा।
पिछले 10 वर्षों से, जोधपुर रिफ कलाकारों और संगीत प्रेमियों के मन को लुभाता आ रहा है। राजस्थान की सांस्कृतिक राजधानी जोधपुर के अनुठे और आकर्षक वातावरण के बीच, मेहरानगढ़ किले में बहुत ही अनोखे रुप में यह उत्सव आयोजित होता है। यहां आयोजित आर्कषक क्रार्यक्रमों और बहुत ही खास तौर पर की गई व्यस्थायों के चलते लोग इस कार्यक्रम में बार.बार आना पसंद करते हैं।
प्रात:काल के शांतिपूर्ण आध्यात्मिक संगीत सत्रों से लेकर देर रात्रि तक चलने वाले नृत्य व संगीत के कार्यक्रम लोगों के मन को संगीतमयी कर देते हैं । यह एक ऐसा अंतरराष्ट्रीय मंच है, जहां परंपरागत लोकसंगीत की प्रस्तुतियां एक नवीन अनुभव प्रदान करती हैं। इस उत्सव में लगभग 350 राजस्थानी व अंतरराष्ट्रीय संगीतकार भाग लेंगे।
जोधपुर रिफ दुर्लभ राजस्थानी और अंतरराष्ट्रीय कलाओ का लुत्फ उठाने का एक शानदार अवसर है, जहां महान कलाकारों से मिलने और बातचीत करने के अवसर के साथ-साथ, युवा पीढ़ी को हमारी समृद्ध विरासत से रूबरू होने का मौका भी मिलता है।
जोधपुर रिफ -2017 की घोषणा करते हुए, मुख्य संरक्षक तथा मारवाड़ जोधपुर के महामहिम महाराजा गजसिंह -2 का कहना है कि, राजस्थानी लोक संगीतकार जोधपुर रिफ के प्रमुख आकर्षण हैं। उनकी लोकसंगीत परंपराओं को लोग पसंद करते हैं और उन्हें यहां उच्च गुणवत्ता वाले अंतरराष्ट्रीय मंच का पूरा लाभ मिलता है। इसके अलावा, हम उनकी कला को भारत और दुनिया भर के कई उत्सवों में पेश करने का प्रयास भी करते हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि जोधपुर रिफ को भारत में संगीत के लिए एक अग्रणी और अतिप्रिय उत्सव के रूप में जाना जाता है।
जोधपुर रिफ संगीत प्रेमियो के लिए क्रार्यक्रमों की एक लम्बी श्रृंखला प्रस्तुत करता है, जिसमें निम्लिखित उल्लेखनीय है।
प्रात:कालीन सत्र: सुबह के शांत माहौल और जसवंत थाडा की जादुई छटा में आयोजित दिल को छू जाने वाली संगीत की प्रस्तुतियां।
राव जोधा पार्क का डेजर्ट लाउंज: सिर्फ शरद पुनम के पूरे चांद की रोशनी में मध्यरा़त्री को प्रारम्भ होकर सुबह तडक़े तक चलने वाला संगीत कार्यक्रम, यहां राजस्थान के लोक कलाकारो की प्रस्तुतियां बिना किसी साउण्ड सिस्टम के होती है व चांद की प्राकृतिक रोशनी के अलावा यहां और कोई रोशनी नही होती।
रिफ रसल :कलाकारों की एक ऐसी जुगलबन्दी जिसमें सभी कलाकारों की सामूहिक प्रस्तुति, जिसमे कलाकार कभी जोड़ी तो कभी समूह में जुगलबन्दी करते है। खास बात ये है कि इस प्रस्तुति की कलाकार कोइ पुर्व तैयारी नही करते फेस्टीवल हर साल किसी एक कलाकार को रसलर नियुक्त करता है और वो ही इस क्रार्यक्रम के लिए कलाकार चुनता है। कलाओ और कलाकारों का ये शानदार मिलन दर्शकों को झुमने पर मजबुर कर देता है।
वार्तालाप के सत्र: इन सत्रों मे कलाकारों से मिलने.जुलने और बातचीत करने के अलावा राजस्थान की कुछ दुर्लभ लोक कलाओं को खास विशेषज्ञयों द्वारा करीबी से समझने का अवसर मिलता है।
जोधपुर रिफ के निदेशक दिव्य भाटिया ने कहा, हालाकि हम नियमित रूप से इस उत्सव में नये तत्व जोड़ते रहते हैं, परंतु राजस्थान के संगीतकारों के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन और दुनिया के कुछ बेहतरीन संगीत प्रतिभाओं को पेश करना हमारे लिए महत्वपूर्ण है। हमारा यथासंभव प्रयास यही रहता है कि क्षेत्रीय कलाकारों को अधिक से अधिक अवसर दें, ताकि उन्हें यहां अपनी धरती पर और विदेशी ज़मीन पर, दोनों ही जगह एक जैसा सम्मान और पहचान मिले। हर बार की तरह इस वर्ष भी यह उत्सव भव्य और शानदार होगा।