कैबिनेट में फेरबदल की चर्चा तेज: कई होंगे शामिल

 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही केंद्रीय मंत्रिपरिषद में फेरबदल कर सकते हैं। रेल हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेकर इस्तीफे की पेशकश करने वाले रेल मंत्री सुरेश प्रभु को भी प्रधानमंत्री ने इंतजार करने को कहा है। मंत्रि परिषद के फेरबदल व विस्तार में लगभग आधा दर्जन मंत्रियों को हटाया जा सकता है, वहीं एक दर्जन से ज्यादा नए मंत्री बनाए जा सकते हैं। जद (यू) और अन्नाद्रमुक भी केंद्र सरकार में शामिल हो सकते हैं। रेल मंत्रालय के कामकाज को लेकर प्रधानमंत्री बेहद नाराज है और उसमें बड़े बदलाव शुरू हो गए हैं।
भाजपा में शीर्ष स्तर पर बीते एक सप्ताह से सरकार व संगठन में फेरबदल को लेकर कवायद चल रही है। अब रेल मंत्री सुरेश प्रभु को इंतजार करने की बात कहने से साफ हो गया है कि सितंबर के पहले सप्ताह से शुरू हो रहे पितृपक्ष के पहले मंत्रि परिषद का विस्तार करने की पूरी तैयारी है। कुछ मंत्रियों को संगठन के काम में लगाया जा सकता है, वहीं संगठन से कम से कम दो पदाधिकारियों को सरकार में शामिल किया जा सकता है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने लगातार मंत्रियों से चर्चा कर उनके कामकाज पर बात कर रहे हैं। शाह ने पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी, चौधरी वीरेंद्र सिंह व उपेंद्र कुशवाह से चर्चा की थी।
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी रेल मंत्रालय के कामकाज से बेहद नाराज है। एक सप्ताह के भीतर दूसरे बड़े रेल हादसे के बाद रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ए के मित्तल की छुट्टी कर एयर इंडिया के सीएमडी अश्विनी लोहानी को नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। प्रधानमंत्री द्वारा तलब किए गए रेल मंत्री सुरेश प्रभु को भी हटाए जाने के पूरे आसार है। सूत्रों के अनुसार प्रभु ने इस्तीफे की पेशकश भी की, लेकिन प्रधानमंत्री रेल हादसों को आधार बनाकर मंत्री को हटाना नहीं चाहते हैं, बल्कि उनको फेरबदल के बहाने हटाया जा सकता है। रेल मंत्रालय के राज्यमंत्री भी बदले जा सकते हैं। सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री व्यक्तिगत तौर पर प्रभु को पसंद करते हैं ऐसे में उनको दूसरा मंत्रालय दिया जा सकता है। नए रेल मंत्री के लिए सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का नाम भी चर्चा में है।