फर्जी बाबाओं की कुंभ में इन्ट्री बैन: अखाड़ा ने जारी की लिस्ट

 

इलाहाबाद। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने फर्जी संतों की लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में राम रहीम,आसाराम, नारायण साईं, रामपाल, निर्मल बाबा,राधे मां, सचिन दत्ता, असीमानंद सहित 14 बाबाओं के नाम शामिल हैं। इलाहाबाद में कार्यकारिणी की बैठक में इस सूची में शामिल होने वाले नामों पर फैसला लिया गया है। इन संतों के प्रयाग कुंभ में प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। इसके साथ ही अखाड़ा परिषद सनातन धर्मावलंबियों को इन बाबाओं से दूर रहने के लिए जागरूक भी करेगा। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद देशभर के 13 अखाड़ों का संगठन है जिसमें बड़ी संख्या में संत शामिल हैं। इसे हिंदू धर्म में ऊंचा स्थान हासिल है हालांकि इसके नियंत्रण को लेकर भी बीच-बीच में विवाद उठते रहे हैं। अखाड़ा की तरफ से कहा गया है कि स्यंभू बाबाओं की बुरे कामों की वजह धर्म और समाज का नुकसान होता है इस वजह से फर्जी संतों की सूची जारी की जा रही है। इस सूची में आसाराम, सुखबिंदर कौर उर्फ राधे मां, सच्चिदानंद गिरि उर्फ सचिन दत्ता, गुरमीत राम रहीम, ओमबाबा उर्फ विवेकानंद झा, निर्मल बाबा उर्फ निर्मलजीत सिंह, इच्छाधारी भीमानंद उर्फ शिवमूर्ति द्विवेदी, स्वामी असीमानंद, ऊँ नम: शिवाय बाबा, नारायण साईं, रामपाल, आचार्य कुशमुनि, बृहस्तपति गिरि और मलखान सिंह के नाम हैं।
लिस्ट में सच्चिदानंद गिरी उर्फ सचिन दत्ता का नाम भी शामिल है जिसे इलाहाबाद में ही महंत नरेंद्र गिरि की देखरेख में महामंडलेश्वर बनाया गया था। हालांकि बाद में नरेंद्र गिरी ने इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा था कि उन्हें सचिन जनता के बारे में सही जानकारी नहीं दी गई थी और अखाड़ा परिषद ने उसकी यह उपाधि भी वापस ले ली थी। सचिन पर एनसीआर में बार चलाने और जमीनों की खरीद-फरोख्त समेत कई अवैध मामलों में शामिल होने का आरोप है।
विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने कहा कि संतों के बीच यह भावना है कि एक या दो धार्मिक नेताओं के गलत कामों की वजह से पूरे समुदाय की छवि को गलत तरीके से दिखाया जा रहा है।
अखाड़ा परिषद के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि उन्होंने यह फैसला लिया है कि एक संत के पास नकदी या उसके नाम पर कोई संपत्ति नहीं होगी।