सपा का आरोप: आलू किसानों का खून चूस रही है बीजेपी सरकार

 

 

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा है कि भाजपा सरकार द्वारा आलू उत्पादक किसानों व कामगारों का भारी शोषण हो रहा है। उत्तर प्रदेश के किसानों को आलू का वाजिब दाम नही मिल रहा। किसानों ने अपना आलू प्रदेश के शीतगृहों में रखा था लेकिन निकासी के समय आलू दो सौ रूपये प्रति वोरी से लेकर 225 रूपये प्रति बोरी विक रही है। किसानों को शीतगृहों का किराया खर्च निकालने के बाद उसे 50 रूपये प्रति बोरी भी नही बच रहा है। जिससें किसान अपना आलू शीतगृहों से नही उठा रहे है। क्योकि किसानों को आलू उत्पादन करने में नुकसान हुआ है। जबकि आलू की लागत प्रति वीघा पन्द्रह हजार रूपया आ रही है। इससें किसान परेशान है।
दूसरी ओर खरीफ के उत्पादन में गिरावट की आशंका है तथा रवी की फसल के लिये गेहूँ का लागत मूल्य बढ़ जायेगा। क्योकि डीजल के मूल्यों में निरन्तर वृद्धि हो रही है। बीज,खाद के दाम बढ़े है। मौसम विभाग की घोषणायें गलत हो रही है। कार्तिक माह में गर्मी से सभी परेशान है। पानी की स्थिति ठीक नही है। गेहूँ उत्पादन लागत दो हजार रूपया प्रति क्विटल आ रहा है। लेकिन सरकार किसानों के प्रति गम्भीर नही है। उल्टा कीटनाशक केमीकल को आयात करके फसल के लागत मूल्य बढऩे से सरकार ने आँखे मूँद ली है जिसके कारण किसानों की स्थिति अत्यन्त भयावह होती जा रही है। सरकार द्वारा आलू क्रय केन्द्र खोलने की घोषणा खोखली सावित हुई है। आलू सरकार द्वारा नही खरीदा जा रहा है।बुन्देलखण्ड के सभी जिले सूखें की चपेट में है किसान परेशान है राहत देने की बजाय बुन्देलखण्ड के जानवर चारा भूसा के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। लेकिन सरकार किसानों के साथ अन्याय करके सन् 2022 का सब्जबाग दिखाने का करतब दिखा रही है।
प्रदेश में बिजली की स्थिति खराब है प्रदेश में बिजली की माँग बीस हजार मेगावाट है। और बिजली की उपलब्धता ग्यारह हजार मेगावाट रह गयी है। आज त्यौहारों में नोटबन्दी, जी0एस0टी0का व्यापक असर दिख रहा है। बाजार में छोटे जिलों में भी खरीददारी में भारी गिरावट है व्यापारी परेशान हैं। बेरोजगारी की स्थिति भयावह मोड़ ले रही हैं। और निर्माण क्षेत्र में व्यापक गिरावट से कामगारों की खुशहाली इस सरकार ने छीन ली हैं।