यूपी पुलिस की तीसरी आंख बना ड्रोन कैमरा

drone
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए ड्रोन बेहद कारगर हथयार साबित हो रहा है। उप्र के मुजफ्फरनगर में पुलिस से बचने के लिए गन्ने के खेत में छिपे अपराधी को ड्रोन से खोज कर पकड़ लिया गया। अपराधी ने एक व्यापारी से छह लाख रुपए की लूट की थी। पुलिस ड्रोन के सहारे अपनी कामयाबी पर पीठ थपथपा रही है। स्थानीय स्तर पर ड्रोन का इस्तेमाल बेहद कारगर हो रहा है।
उप्र की राजधानी लखनऊ, प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वराणसी, संवेदनशील मेरठ व बेरली में ड्रोन कानून व्यवस्था की तीसरी आंख बन गया है। मेरठ पुलिस ने तो लड़कियों के स्कूलों के बाहर जमा होने वाले शोहदों व मनचलों पर लगाम लगाने के लिए ड्रोन की मदद ले रही है। प्रदेश सरकार यातायात प्रबंधन के लिए 12 ड्रोन कैमरे सड़कों पर लगने वाले जाम से मुक्ति के लिए खरीदने जा रही है। 20 से 300 मीटर की ऊंचाई पर उड़ता ड्रोन चप्पे-चप्पे की निगरानी करने में सक्षम है। जुलाई 2014 में सहारनपुर के दंगों में उप्र पुलिस ने ड्रोन की मदद से उपद्रवियों व दंगाइयों को दबोचा था। कुछ सप्ताह पहले लखनऊ के बेहद घने चौक इलाके में मोहर्रम के दौरान होने वाले तनाव को काबू में करने में ड्रोन की जबर्दस्त भूमिका रही। तमाम उपद्रवियों की छतों पर जमा ईंट पत्थर की जानकारी तीसरी आंख ने दे दी। ड्रोन वाराणसी के घाटों व बेहद संकरी गलियों की सुरक्षा में काम आ रहा है। असमाजिक तत्वों के मन में ड्रोन का खौफ पैदा होने लगा है। ड्रोन कैमरे पुलिस को सौंपते हुए उप्र के मु यमंत्री ने कहा था कि ड्रोन पुलिस के लिए रामबाण साबित होगा।
प्रदेश सरकार ने पुलिस के आधुनिकीकरण कार्यक्रम में एरियल सर्विलांस सिस्टम के तहत कई जिलों को ड्रोन उपलब्ध कराया है। लखनऊ में एक हाईटेक कमांड सेंटर की भी स्थापना की गई है। एडीजी अनिल अग्रवाल ने बताया गया कि पांच ड्रोन कैमरे खरीदने की स्वीकृति दी गयी है जिनमें से लखनऊ को दो और वाराणसी, आगरा और गौतमबुद्धनगर को एक-एक ड्रोन कैमरा आवंटित किया गया है। इसी व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के लिये अन्य जनपदों को ड्रोन कैमरे दिये जाने के लिये 12 ड्रोन कैमरे क्रय किये का निर्णय लिया गया जिनमें से लखनऊ और इलाहाबाद को दो-दो और कानपुरनगर, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली, अलीगढ़, आगरा, गोरखपुर और गौतमबुद्धनगर को एक-एक ड्रोन कैमरा दिये जाने का फैसला लिया गया।