यूपी में खोजे जा रहे हैं बांग्लादेशी शरणार्थी

 

लखनऊ। रोहिंग्या मुसलमानों के बाद अब बांग्लादेशी शरणार्थियों की तलाश शुरू हो गई है। खुफिया एजेंसियों ने बांग्लादेशियों शरणार्थियों से उत्तर प्रदेश की सुरक्षा को खतरे की आशंका जाहिर की है। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद प्रदेश के गृह विभाग ने प्रदेश के सभी डीएम को अपने-अपने जिले में बांग्लादेशी शरणार्थियों को चिह्नित कर रिपोर्ट देने को कहा है। डीएम ने बांग्लादेशियों को चिह्नित करने की जिम्मेदारी एडीएम सिटी को दी है।
प्रमुख सचिव गृह के आदेश के मुताबिक 1971 के समझौते के मुताबिक बांग्लादेशी शरणार्थियों को वापस बांग्लादेश भेजा जाना था। बावजूद इसके बड़ी संख्या में बांग्लादेशी शरणार्थियों ने देश नहीं छोड़ा। अवैध तौर पर रहे बांग्लादेशियों ने तमाम सुविधाएं हासिल कर लीं। वोटर लिस्ट में नाम से लेकर आधार कार्ड और पासपोर्ट तक जारी करा लिए। गृह मंत्रालय के आदेश के प्रदेश सरकार ने सख्ती की है। बरेली समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जिलों में बांग्लदेशियों की तलाश शुरू हो गई है। बांग्लादेशियों को चिह्नित करने के साथ उनके फिंगर प्रिंट भी लिए जाएंगे। जिसके जरिए कं प्यूटराइड डाटा तैयार किया जाएगा। सरकारी दस्तावेज तैयार कराने वाले बांग्लादेशियों के दस्तावेजों की रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी। प्रमुख सचिव का आदेश आने के बाद डीएम राघवेंद्र विक्रम सिंह ने एडीएम सिटी को बांग्लादेशियों को चिह्नित करने की जिम्मेदारी दी है।