यूपी में पिछड़ा बनाम अतिपिछड़ा घमासान शुरू

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लखनऊ। उप्र में यादववाद का आरोप सिर्फ राज्यपाल व सपा के बीच की राजनीतिक लड़ाई नही है। इस घमासान में अतिपिछड़ी जातियां भी कूद पड़ी है। मोस्ट बैकवर्ड क्लासेज ऑफ इण्डिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. रामसुमिरन विश्वकर्मा ने कहा है कि अतिपिछड़ों के लिए समाजवादी पार्टी एक जलता हुआ मकान है। अतिपिछड़े इसमें से जल्दी निकल भागें वरना खाक हो जायेगें। अब समाजवाद को यादव परिवार ने नाजीवाद में बदल दिया है, जिससे अतिपिछड़ों को बचकर रहना होगा।
मोस्ट बैकवर्ड क्लासेज ऑफ इण्डिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष, डा. रामसुमिरन विश्वकर्मा ने कहा है कि सपा के महासचिव रामगोपाल यादव द्वारा यादव अधिकारियों की जारी सूची झूठी है। यादव की सूची सिर्फ केन्द्र सरकार के अधीनस्थ नियुक्तियों की है। यादव की पार्टी की सरकार उप्र में है। रामगोपाल यादव को यह बताना चाहिए कि मुख्यमंत्री सचिवालय में कितने यादव कार्यरत होने के साथ ओएसडी कितने हैं, विभिन्न निगमों एवं आयोगों की मलाईदार कुर्सी पर कितने उनके सजातीय हैं। बयान देते समय यादव को यह नहीं भूलना चाहिए कि 27 प्रतिशत आरक्षण में प्रदेश की 78 और जातियां हैं, जिन्हे उनका हक मिलना चाहिए। पिछड़ों में करीब 35 प्रतिशत आबादी अतिपिछड़ी जातियों की है।
डा. विश्वकर्मा ने कहा कि उप्र के अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग, लोक सेवा आयोग आदि जहां से उप्र सरकार नौकरियों में भर्ती करती है, यहां कौन से लोग हैं। 86 पीसीए में 54 यादव और पुलिस आरक्षी भर्ती में 40000 में लगभग 25000 हजार यादव, शिक्षक भर्ती में भी 70 प्रतिशत यादव हैं। अखिलेश सरकार को इन भर्तियों पर श्वेत पत्र जारी कर जनता का भरोसा पुन: जीते। उन्होने कहा कि अति पिछड़ी जातियों के साथ समाजवादी सरकार जब जब आयी है धोखा ही हुआ है। उप्र की 52 हजार ग्राम पंचायतों के आरक्षित पिछड़ी जाति के लगभग 14000 पदों पर 10000 यादव-कुर्मी काबिज हैं। 821 विकास खण्डों के प्रमुख पद पर लगभग 100 से अधिक पदों पर यादव-कुर्मी तथा 70 जिला पंचायत अध्यक्ष पदों में से 40 पर यादव-कुर्मी काबिज हैं। जहां अतिपिछड़ी जातियों का प्रतिनिधित्व एक प्रतिशत से भी कम है। डा. विश्वकर्मा ने कहा कि रामगोपाल यादव को बताना होगा कि इन विभागों में कितने पदों पर यादव काबिज हैं, अतिपिछड़ों की हिस्सेदारी के साथ धोखाधड़ी नहीं तो और क्या है। उन्होने कहा कि बिरादरी के छिटके हुये वोटों को एकजुट करने के लिए यादव का यह चुनावी बयान है। आने वाले वक्त में अब ऐसा नहीं होगा। एमबीसीआई चुनाव आयोग में पंजीकृत राजनीतिक दल है।

निषाद भी है सपा से नाराज
राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव व समाजवादी पार्टी के नेता चौधरी लौटन राम निषाद ने कहा कि सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह यादव व प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलना लोहे के चने चबाने से भी कठिन है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय निषाद संघ पूरे प्रदेश में प्रभाव रखती है और 200 से अधिक सीटों पर 10 से 20 हजार वोट बैंक को इधर-उधर करने की ताकत रखती है। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह व मुख्यमंत्री जमीनी कार्यकर्ताओं को पहचानते व सम्मान देते हैं। परन्तु इनके सहवर्ती पार्टी कार्यकर्ता व कर्मचारी इनसे मिलने ही नहीं देते। लौटनराम ने कहा कि यही नहीं मुलायम सिंह के नाम अब तक 62, मुख्यमंत्री के नाम 17, प्रो. राम गोपाल यादव के नाम 13 व शिवपाल यादव के नाम 7 पंजीकृत पत्र भेजा परन्तु अभी तक इसका कोई उत्तर नहीं मिला।