मिड डे मील का दूध पीने से स्कूल में 75 बच्चों की हालत बिगड़ी

mid day meal lko
विशेष संवाददाता
लखनऊ। राजधानी के कैंट इलाके में बुधवार को मिड-डे-मिल में पराग कंपनी का दूध पीने से 75 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। सभी बच्चों को आनन फानन में छावनी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उनका इलाज चल रहा है। परिवारीजनों ने स्कूल का घेराव कर जमकर हंगामा किया। सूचना पर पहुंचे अधिकारियों ने दूध के नमूने जांच के लिए भेजे हैं। जिलाधिकारी राजशेखर ने जांच के आदेश दिए हैं। दूध का वितरण अक्षय पात्र संस्था की ओर से किया गया था।
बच्चों को मिड डे मील में दूध वितरण मु यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। जिसमें उन्होंने प्रदेश के बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए दूध देने के आदेश दिये हैं। वैसे अक्षय पात्र संस्था ने भी दूध वितरण करने में असमर्थता जता दी थी, लेकिन इसके बाद दबाव पडऩे पर संस्था ने दूध वितरण शुरू किया है। इसी क्रम में बुधवार को कैंट स्कूल में बच्चों को पराग कंपनी का दूध पीने के लिए दिया गया। दूध पीने के कारण बच्ची की हालत खराब होने लगी। बच्चों की हालत बिगड़ते देख स्कूल प्रबंधन ने उन्हें उपचार के लिए जिला अस्पताल में दाखिल कराया। वहीं, दूसरी ओर बच्चों के बीमार होने की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे अभिभावकों ने स्कूल का घेराव कर जमकर हंगामा किया। पुलिस ने किसी तरह लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया। अधिकारियों ने दूध के सैंपल जांच के लिए भेज दिए हैं। इस संबंध में जिलाधिकारी लखनऊ राजशेखर का कहना है कि बच्चों को फलैवर्ड मिल्क दिया गया था, इसके नमूने ले लिये गये हैं और पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिये गये हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि 34बच्चों को इलाज के बाद घर भेज दिया था। बाकी की भी हालत सामान्य है।
मिड-डे-मिल को लेकर बीएसए और स्कूल प्रशासन की लापरवाही का ये पहला मामला नहीं है। इसके पहले लखनऊ के ही क्वींस इंटर कॉलेज में बच्चों को परोसे गए को ते में कीड़े मिले, जबकि लखीमपुर में मिड-डे-मिल का दूध पीने से 17 बच्चे बीमार हो गए थे। वहीं, हापुड़ में मिड-डे-मिल में मरा हुआ चूहा मिला था। लखीमपुर में दूध पीने से बच्चों के बीमार होने के मामले बीएसए ने प्रधान अध्यापक और दो सहायक अध्यापकों को निलंबित कर दिया था, जबकि रसोइया को हटाने का निर्देश जारी हुआ।