यूपी में बीजेपी की मुसीबत बन रहे हैं राजभर

लखनऊ। राज्यसभा चुनाव में भाजपा के नौवें प्रत्याशी की जीत में भाजपा सहयोगी ही मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। राज्यसभा नामांकन में तवज्जो न दिये जाने पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी व प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर खफा हैं। उन्होंने कहा है कि राज्यसभा चुनाव में पार्टी के चार वोट कहां पड़ेंगे यह बाद में तय होगा।
उन्होंने कहा है कि प्रदेश सरकार के 12 महीने में भाजपा ने एक बार भी गठबंधन धर्म निभाने की कोशिश नहीं की। राज्यसभा प्रत्याशियों के नामांकन में पूछा तक नहीं। प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री अनिल राजभर के माध्यम से उन्हें बेइज्जत कराया जा रहा है। मंचों से वह अपशब्द बोल रहे हैं। वह भी ऐसे मंच पर जहां केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा उपस्थित रहते हैं।राजभर ने कहा है कि भाजपा हमें खत्म करना चाहती है, हर भी बचने का प्रयास करेंगे। अनिल राजभर के साथ ही उन्होंने भाजपा के राज्यसभा प्रत्याशी सकलदेव राजभर का नाम भी लिया। कहा कि ये लोग राजभरों के नेता नहीं हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि फूलपुर और गोरखपुर उपचुनाव में सहयोग के लिए नहीं पूछा गया, रिजल्ट सामने है। निकाय चुनाव के दौरान दो दिन पहले तक सीटों का बंटवारा नहीं किया। नतीजतन निकाय में गठबंधन नहीं हो सका। श्री राजभर ने कहा है कि वह चाहते हैं कि गठबंधन धर्म निभाएं, लेकिन भाजपा ही गठबंधन का धर्म नहीं निभा रही है।