काशी में भगवान शिव का एक और प्राचीन मंदिर मिला,

लखनऊ। ज्योर्तिलिंग काशीविश्वनाथ मंदिर के लिए बन रहे कॉरीडोर से काशी की प्राचीनता पर नई रोशनी पड़ रही है। अब तक हुई खोदाई व तोड़फोड में प्राचीन मंदिर सामने आ रहें है। कॉरीडोर बनाने के लिए भवनों के तोड़फोड और खोदाई में अब तक काशीविश्वनाथ मंदिर जैसे एक मंदिर के साथ छोटे-बड़े 42 मंदिर मिल चुके हैं। इन मंदिरों में पांच हजार साल की परंपरा के दर्शन हो रहें है। पुरातत्व विशेषज्ञों का मानना है कि मिले मंदिर हजारों साल की काशी के इतिहास को उजागर करने वाला साबित हो सकते है।
मणिकर्णिका घाट के किनारे दक्षिण भारतीय शिल्प का रथ पर बना एक अद्भुत भगवान शिव का मंदिर मिला है जिसमें समुद्र मंथन से लेकर कई पौराणिक गाथाएं उकेरी गई हैं। इसी मंदिर के सामने दीवार के पीछे छिपा भगवान शिव का एक और प्राचीन बड़ा मंदिर मिला है।
खोदाई व ध्वस्तीकरण में मिले मंदिरों के अध्ययन की जिम्मेदारी पुरातत्व विभाग को दिए जाने के साथ ही इनके स्थापना का समय पता लगाने के लिए कार्बन डेटिंग कराई जाएगी। वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने कहा कि जितने भी मंदिर सामने आएंगे उनका संकुल बनाया जाएगा।
बीएचयू के कला इतिहास व पर्यटन विभाग के प्रो. अतुल त्रिपाठी का कहना है कि काशी अर्वाचीन काल से जीवंत शहर रहा है। यही इसे दुनिया की सबसे खास शहर बनाता है। मिल रहे सबूत इसकी जीवंतता को साबित कर रहें है। काशी में मानव सभ्यता के हर कालखंड का जिंदा इतिहास मौजूद है। पुरातत्व विभाग और सरकारों ने इसके लिए कभी कोशिश नही कि अब अनायास ही बड़े सबूत सामने आ रहें है।
गौरतलब है कि काशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण योजना के तहत मणिकर्णिका व ललिता घाट से मंदिर तक 40-40 फीट के दो कॉरीडोर बनाया जा रहा है। जिसके लिए मणिकर्णिका व ललिता घाट से मंदिर तक कॉरीडोर के लिए पुरानी काशी यानी पक्का महाल क्षेत्र में मुआवजा देकर 175 भवनों को गिराया गया है। कॉरीडोर बनाने के लिए लगभग तीन हजार मजदूर लगाए गए हैं। कॉरीडोर बनाने का कुछ लोग विरोध भी कर रहें है। भाजपा नेता गुलशन कपूर का कहना है कि बहुत समय है मुगलों और आक्रांताओं से मंदिरों को बचाने के लिए दीवार से ढंक दिया गया हो।
काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह कहा है कि जिन मकानों में प्राचीन मंदिर मिल रहे हैं वहां ध्वस्तीकरण का काम रोककर वीडियोफोटोग्राफी कराने के बाद संरक्षित भी किया जा रहा है। विशेषज्ञों की टीम इसमें मदद कर रही है।