मैगी पर बैन से नेस्ले को बड़ा घाटा

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नई दिल्ली। दिग्गज एफएमसीजी कंपनी नेस्ले इंडिया का सबसे लोकप्रिय उत्पाद मैगी नूडल्स है और पिछले दो महीनों में इस पर जो विवाद उठा, उसका असर कंपनी के बहीखाते पर दिखना शुरू हो गया है। कंपनी ने एकमुश्त 452 करोड़ रुपये का झटका झेला और 17 साल में पहली बार उसके तिमाही नतीजों में घाटा नजर आया। अप्रैल-जून तिमाही में उसे 64.4 करोड़ रुपये का शुद्घ घाटा हुआ।
नेस्ले की शुद्घ बिक्री में भी करीब 20 फीसदी गिरावट आई और यह 1,934 करोड़ रुपये पर ठहर गई। साल भर पहले यह आंकड़ा 2,419 करोड़ रुपये था। नतीजे ब्लूमबर्ग के अनुमानों से भी कम रहे, जिसके अनुसार शुद्घ बिक्री 2,340 करोड़ रुपये और शुद्घ लाभ 223 करोड़ रुपये रहना चाहिए था।
नेस्ले इंडिया के नए प्रबंध निदेशक चुने गए सुरेश नारायणन ने कहा कि कंपनी के लिए यह तिमाही बेहद चुनौतीपूर्ण रही है। नेस्ले इंडिया अपने ग्राहकों को आश्वस्त करना चाहती है कि हमारे उत्पाद बिल्कुल सुरक्षित हैं। ग्राहकों का विश्वास हमेशा ही हमारी कंपनी का आधार रहा है। हम मैगी नूडल्स को दोबारा दुकानों की शेल्फ पर लाने के लिए अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। विश्लेषकों का कहना है कि मैगी नूडल्स पर लगाई गई पाबंदी का वास्तविक असर जुलाई-सितंबर तिमाही में दिखेगा। उनका कहना है कि मैगी नूडल्स से पाबंदी हट गई तो भी उन्हें पहले जैसी लोकप्रियता दिलाने में कंपनी को बहुत समय लग जाएगा।