यूपी बीजेपी अध्यक्ष की तलाश शुरू

लखनऊ। डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय के केन्द्रीय मंत्री बन जाने के बाद यूपी में भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा, इसे लेकर कवायद और कयास दोनों शुरू हो गए हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो डॉ. पांडेय के रूप में एक बड़े ब्राह्मण चेहरे के केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद भाजपा अब किसी दलित या अन्य पिछड़ी जाति पर दांव खेल सकती है, क्योंकि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रचंड जीत के बाद कार्यकर्ताओं के बीच जो भाषण दिया था उसमें उन्होंने स्पष्ट संकेत दिया था कि उनकी सरकार और संगठन का सूत्र वाक्य सबका साथ सबका विकास के साथ अब सबका विश्वास जीतना भी है।
ऐसे में आम चुनावों के दौरान दलितों, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों को लेकर जो यह बताया जा रहा था कि ये वर्ग अभी भी भाजपा को पूरी तरह से आत्मसात नहीं कर पाया, उसका भरोसा जीतने के लिए पार्टी दलित या ओबीसी चेहरे पर दांव लगा सकती है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि भाजपा में प्रदेश स्तर के कई ऐसे नेता हैं जिनकी सत्ता और संगठन पर समान रूप से पकड़ है। लिहाजा इन्हीं लोगों में से किसी एक को डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय का उत्तराधिकारी बनाया जा सकता है। इसमें तीन नामों की चर्चा सबसे अधिक है, इसमें पहला नाम परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्र देव सिंह का आता है, जबकि दूसरे नम्बर पर पार्टी के प्रदेश महामंत्री विद्या सागर सोनकर का नाम लिया जा रहा है। तीसरे नम्बर पर प्रदेश उपाध्यक्ष लक्ष्मण आचार्य का नाम भी तेजी से उछलने लगा है।