प्रयाग में भाकियू ने भरी हुंकार: किसानों की चिंता

प्रयागराज। भाकियू द्वारा गंगा की रेती प्रयागराज में तीन दिवसीय चिंतन शिविर जोकि 16 जनवरी से 18 जनवरी तक किसान महापंचायत के साथ संपन्न हुआ। जिसमें देश व प्रदेशों के किसानों की विभिन्न समस्याओं पर चिंतन शिविर में किसान नेताओं द्वारा सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया कि आगामी 18 मार्च को दिल्ली में महापंचायत कर भारत सरकार व देश के प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से बात करने की इच्छा किसानो ने व्यक्त की है। किसानों ने कहा कि कृषि प्रधान देश में अन्नदाता सुखी भव: का नारा देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज तक किसी भी किसान प्रतिनिधिमंडल से बात नहीं की है जिसमें देश के किसानों में भारी रोष है। साथ ही गंगा की रेती संगम तट पर नेताओ ने यह संकल्प लिया की 18 मार्च को या तो प्रधानमंत्री देष के किसानो के साथ बातचीत कर किसान समस्याओं का समाधान करेंगे अन्यथा देश का किसान अब चुप ना बैठकर, आत्म दिया का रास्ता छोडक़र, संसद भवन पर मरने को तैयार है। संगम तट पर चैधरी राकेश टिकैत ने कहा की सरकारों द्वारा किसान के सामने करो या मरो की स्थिति पैदा कर दी गई है। वहीं दूसरी तरफ चैधरी टिकैत ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के कामो से किसान खुश नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ या तो एक महीने के भीतर किसान प्रतिनिधिमंडल से वार्ता करें अन्यथा की दशा में लखनऊ में एक बड़े किसान आंदोलन का बिगुल फूंका जाएगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने किसानों को खेती छोडक़र पशुओं से अपनी खेती बचाने के लिए दिन रात जागने का काम दे दिया गया है। इस स्थिति में प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अगर 18 मार्च से पहले किसानों के नेता चैधरी नरेश टिकैत व् चैधरी राकेश टिकैत जी से वार्ता कर समस्याओं का रास्ता नहीं निकाला तो लोक भवन के अंदर आवारा पशु बांधकर पशुओं के साथ लोग भवन पर कब्जा किया जाएगा। अभी तक किसान आत्महत्या करता था अब प्रदेश की लोक भवन पर भारतीय किसान यूनियन का झंडा फहराया कर चैधरी नरेश टिकैत व चैधरी राकेश टिकैत जी को उनका हक दिलाने का काम करेंगे।