परिवहन विभाग के बेड़े में शामिल होंगी डग्गामार बसें

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लखनऊ। सूबे के मुखिया अखिलेश यादव के परिवहन विभाग की समीक्षा के दौरान डग्गामार वाहनों पर विशेष तौर से नियंत्रण स्थापित करने के निर्देश का असर दिखना शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने निर्देश दिया था कि रोडवेज बस अड्डïे के एक किलोमीटर के दायरे में डग्गामार वाहन प्रभावी तौर से प्रतिबंधित होने चाहिए। मुखिया के इस निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम प्रबंधन डग्गामारी पर रोक लगाने के लिए अब डग्गामार बसों का परिवहन निगम के साथ अनुबंध करेगा। अधिकारियों का तर्क है कि डग्गामारी पर रोक लगाने का एक यही सबसे बेहतर उपाय है।
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम प्रबंधन अब रोडवेज बसों के साथ ही निजी बसों का भी बेहतर तरीके से संचालन करेगा। इसके लिए निगम प्रबंधन एक से दो महीने के अंदर तकरीबन दो हजार बसों का रोडवेज के साथ अनुबंध करेगा। इन बसों में नई बसें तो शामिल की ही जाएंगी, डग्गामार वाहनों को भी जगह दी जाएगी। परिवहन निगम के कार्यकारी प्रबंध निदेशक के रविंद्र नायक ने अगले दो महीनों में दो हजार बसों को अनुबंध के आधार पर परिवहन निगम के बेड़े में शामिल करने की बात कही है। वर्तमान में जहां प्रदेश भर में रोडवेज की 9000 बसों का संचालन हो रहा है वहीं परिवहन निगम के अधिकारियों की मानें तो 20 से 25 हजार बसें डग्गामार के रूप में संचालित हो रही हैं।
इतनी संख्या में डग्गामार बसों के संचालन से रोडवेज को हर महीने करोड़ों रुपए का चूना लग रहा है। जिम्मेदार अधिकारी बताते हैं कि निगम प्रबंधन की पहल है कि जितनी डग्गामार बसों का निगम के साथ अनुबंध कर लेंगे उतनी डग्गामार बसें रूट से कम हो जाएंगी। जिससे निगम को तो फायदा होगा ही डग्गामार बसों की संख्या में भी कमी आएगी। हालांकि डग्गामारी करने वाले लोग निगम के साथ अनुबंध करने को राजी होंगे या नहीं इस पर अभी अधिकारी ही संदेह की स्थिति में हैं।