नई दिल्ली। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि हर कोई अपने सामथ्र्य के हिसाब से कोरोना की लड़ाई को लड़ रहा है। पीएम मोदी ने कहा, साथियो, रमजान का भी पवित्र महीना शुरू हो चुका है। अब अवसर है इस रमजान को संयम, सद्भावना, संवेदनशीलता और सेवा-भाव का प्रतीक बनाएं। इस बार हम, पहले से ज्यादा इबादत करें ताकि ईद आने से पहले दुनिया कोरोना से मुक्त हो जाए।
उन्होंने कहा, कोई अपनी पूरी पेंशन, पुरस्कार राशि को पीएम केयर्स में जमा करा रहा है। कोई खेत की सारी सब्जियां दान दे रहा है, कोई मास्क बना रहा है। कहीं मजदूर भाई-बहन क्वरंटाइन बाद स्कूल की रंगाई-पुताई कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे किसान भाई-बहनों को ही देखिए। वे एक तरफ इस महामारी के बीच अपने खेतों में दिन-रात मेहनत कर रहे हैं और इस बात की भी चिंता कर रहे हैं कि देश में कोई भी भूखा ना सोए। साथियो, रमजान का भी पवित्र महीना शुरू हो चुका है। अब अवसर है इस रमज़ान को संयम, सद्भावना, संवेदनशीलता और सेवा-भाव का प्रतीक बनाएं।
मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि डॉक्टर हों, सफाईकर्मी हों या फिर अन्य सेवा करने वाले लोग हों। हमारी पुलिस-व्यवस्था को लेकर भी आम लोगों की सोच में काफी बदलाव आया है। हमारे पुलिसकर्मी गरीबों, जरूरतमंदो को खाना पंहुचा रहे हैं, दवा पंहुचा रहे हैं।
पीएम बोले: रमजान को बनाएं सेवा का प्रतीक
