वामपंथी दलों का आरोप: तानाशाह हो गयी है सरकार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वामपंथी दलों- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी,भारत की कम्युनिस्ट पार्टी- माक्र्सवादी, भाकपा- माले एवं आल इंडिया फारवर्डब्लाक ने कहा कि केन्द्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और भाजपा की अन्य राज्यसरकारें कोरोना संकट की आड़ में मजदूरों, किसानों और आम जनता पर अपना एजेंडाथोप रहीं हैं। निरंतर जनता की परेशानियों में इजाफा करने वाले औरतानाशाहीपूर्ण कदम उठा रही भाजपा विपक्षी दलों पर राजनीति करने का आरोप लगारही है। जबकि वह खुद पल पल सांप्रदायिक और विद्वेष की राजनीति कर रही है।लाक डाउन की बन्दी के चलते बड़ी संख्या में लोगों की आर्थिक हालात बद से बदतरहो चुकी है फिर भी केन्द्र सरकार ने पेट्रोल पर 10 रुपये और डीजल पर 13 रुपयेप्रति लीटर उत्पाद शुल्क बड़ा दिया जो अब तक की सबसे बढ़ी बदोत्तरी है। ऊपर सेउत्तर प्रदेश सरकार ने पेट्रोल पर 2 तथा डीजल पर 1रु प्रति लीटर वैट बढ़ाकर रही- सही कसर पूरी कर दी। इस कदम से पेट्रोल डीजल पर 69 प्रतिशत टैक्सहोगया है जो दुनियाँ में सबसे अधिक है। यह सब उस समय किया जारहा है जबअंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बेहद कम हैं। कीमतें बढ़ा कर सरकार ने जनता को कच्चे तेल की कमी के लाभ से वंचित कर दिया है।पूँजीपतियों के कहने पर प्रवासी मजदूरों को अपने घरों को वापस आने से रोकाजारहा है। कर्नाटक सरकार ने मजदूरों को लाने वाली रेल गाडिय़ाँ रद्द करा दीं।गुजरात और अन्य कई भाजपा की राज्य सरकारें मजदूरों के घर लौटने में तरह तरह कीबाधाएं खड़ी कर रही हैं। तमाम मजदूर महिलाओं बच्चों और बुजुर्गों को लेकर पैदलऔर साइकिलों से ही घर पहुँचने को मजबूर हैं। उनमें से अनेकों की भूख-प्यास बीमारी और दुर्घटनाओं से रास्ते में ही मौत होगयी।