लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से स्कूल डे्रस वितरण करने में बजट की आ रही बाधा को समाप्त करने के लिए एक नया तरीका निकाला हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ने माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में संचालित प्राथमिक स्कूलों में पढऩे स्टूडेंट्स को आरक्षण के आधार पर यूनिफॉर्म वितरण करने आदेश दिया है। यह निर्देश केवल इस लिए जारी किया गया है कि क्योंकि नए सेशन की शुरुआत होने के बाद ाी इन स्कूलों के बच्चों के फ्री में यूनिफॉर्म वितरण के लिए शासन की ओर से बजट नहीं जारी किया गया है।
बीएसए ने माध्यमिक स्कूलों के प्रिंसिपल को ऑर्डर जारी कर कहा है कि वह अपने स्कूलों में पढऩे वाले क्लास एक से आठ तक के स्टूडेंट्स को आरक्षण के आधार पर यूनिफॉर्म का वितरण करे। आर्डर में बीएसए ने कहा है कि पहले ओबीसी, एससी-एसटी व गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले सभी लड़कों को यूनिफॉर्म का वितरण किया जाएगा। साथ ही सभी कैटेगरी के छात्राओं को यूनिफॉर्म देने को कहा है। ऐसा केवल इस लिए किया गया है क्योंकि शासन की ओर से अभी तक यूनिफॉर्म वितरण के लिए बजट नहीं जारी हुआ है।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्राथमिक स्कूलों में पढऩे वाले एक से आठवीं तक के स्टूडेंट्स को दो जोड़ी यूनिफॉर्म देने का प्रावधान है। एक जोड़ी यूनिफॉर्म नए सेशन के शुरू होने के समय व दूसरी जोड़ी ठंड के मौसम में देने का प्रावधान है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत सभी प्राथमिक विद्यालयों में यूनिफॉर्म वितरण के लिए बजट जारी होता है। वहीं माध्यमिक विद्यालय संचालित प्राथमिक क्लासेस में यूनिफॉर्म वितरण के लिए प्रदेश सरकारी बजट जारी करती है लेकिन इस बार अभी तक शासन की ओर से बजट नहीं जारी हो सका है।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्राथमिक स्कूलों में पढऩे वाले प्रत्येक बच्चों को प्रत्येक जोड़ी के लिए दो सौ रुपए का बजट जारी होता है। इस हिसाब से दो जोड़ी के लिए प्रत्येक छात्र के हिसाब से चार सौ रुपए दिए जाते है। इसके लिए सर्व शिक्षा अभियान व स्टेट गवर्नमेंट के ओर से बजट जारी होता है।राजधानी के राजकीय व एडेड स्कूलों में संचालित एक से आठवीं तक के करीब 50 हजार स्टूडेंट्स को यूनिफॉर्म वितरण करने के लिए शासन की ओर से बजट जारी होता हैं।