लॉकडाउन को लेकर मोदी सरकार पर बरसे ओवैसी

नई दिल्ली। देशभर में कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर लागू किए गए लॉकडाउन को जल्दबाजी में लिया गया अनियोजित निर्णय करार देते हुए आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को कहा कि लॉकडाउन को आगे बढ़ाने या नही बढाने का निर्णय लेने का अधिकार राज्यों को मिलना चाहिए।
प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं के लिए केंद्र की बीजेपी नीत सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए हैदराबाद के सांसद ने कहा कि दूसरे राज्यों में काम कर रहे श्रमिकों को मार्च के अंतिम सप्ताह में ही वापस भेज देना चाहिए था जब कोविड-19 के मामले कम थे और विषाणु इतनी तेजी से नहीं फैला था।
ओवैसी ने संवाददाताओं से कहा, मैं लगातार लॉकडाउन की आलोचना कर रहा हूं क्योंकि यह असंवैधानिक है। अगर आप संविधान पढ़ेंगे तो पाएंगे कि राज्यों की सूची के मुताबिक कानून व्यवस्था के लिए राज्य जिम्मेदार हैं। भारत सरकार और मोदी सरकार ने संविधान की 7वीं अनुसूची का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा, वे राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कानून का इस्तेमाल राज्य सरकारों को हुक्म देने के लिए नहीं कर सकते। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्रियों ने मोदी सरकार के इस असंवैधानिक आदेश को स्वीकार किया। ओवैसी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में बैठे अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है कि राज्यों के लिए क्या सही है और क्या गलत।उन्होंने कहा, यह निर्णय राज्यों को करना चाहिए कि लॉकडाउन कब हटाना है और कब लागू करना है, क्या खोलना है और क्या बंद रखना है। साउथ ब्लॉक या नार्थ ब्लॉक में बैठा एक अधिकारी यह कैसे जानेगा कि हैदराबाद में क्या हो रहा है या तेलंगाना के लिए क्या सही है और क्या गलत? ओवैसी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार द्वारा अनियोजित ढंग से लिए गए निर्णयों के कारण अर्थव्यवस्था डांवाडोल हुई है।