खतरा: कोरोना मरीजों के ठीक होने के बाद आंखों की बीमारी

नई दिल्ली। ठीक हो चुके कोरोना रोगियों को बिंदास रहने की जरूरत नहीं है। उन्हें सतर्क रहना होगा। खासतौर वह रोगी जो ऑक्सीजन के सहारे इलाज पाकर ठीक हुए हैं। या ऐसे रोगी जो लक्षणों के साथ भर्ती हुए थे। और इलाज के बाद घर जा चुके हैं। ऐसे रोगियों की आंखों की रोशनी पर भी असर पड़ सकता है। उनकी डायबिटीज बिगड़ सकती है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में पांच ऐसे कोरोना रोगी देखे गए हैं, जिनकी आंखें लाल हो गई थीं। आंखों से पानी आने के साथ तेज जलन की शिकायत मिली है। हालांकि डॉक्टरों ने इलाज से उसे काबू कर लिया है।मेडिकल कॉलेज की नेत्र रोग विशेषज्ञ, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शालिनी मोहन के मुताबिक वायरस किसी भी तरह नुकसान कर सकता है। पांच मरीज देखे गए हैं जिनकी आंखों में बड़ी समस्या थी, लेकिन रोशनी पर खतरा होने से पूर्व उन्हें बचा लिया गया। बीमारी ठीक हो गई। ठीक हो चुके रोगी अगर किसी तरह दिक्कत महसूस करें तो डॉक्टरों के पास जाएं।विशेषज्ञों का कहना है कि दरअसल कोरोना रोगियों में खून के थक्के बन जाते हैं। यह कहीं भी बन सकते हैं। आंखों में भी देखे गए हैं। इसी तरह हार्ट, गुर्दे और उनकी नसों में जम सकते हैं। इसलिए सतर्कता जरूरी है।