काठमांडू। नेपाल की राजनीति में अगले 24 घंटे बेहद अहम होने वाले हैं। इस दौरान यह फैसला हो जाएगा कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली इस्तीफा देंगे या फिर पार्टी को दो टुकड़ों में बांट देंगे। सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के अंदर मची खींचतान इतना गंभीर रूप ले चुकी है जिसमें ओली और पुष्प कमल दहल प्रचंड समर्थक अब खुलकर आमने-सामने हैं। प्रचंड और ओली के बीच चली आधे घंटे तक बैठक आज भी बेनतीजा रही। सोमवार को भी दोनों नेताओं में बैठक प्रस्तावित है।
इस बीच प्रमुख विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने पीएम ओली से मुलाकात कर राजनीतिक सरगर्मी को और तेज कर दिया है। इस मुलाकात को लेकर देउबा की पार्टी के अंदर भी विरोध शुरू हो गया है। नेपाली कांग्रेस के कई नेताओं ने देउबा से मुलाकात को लेकर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है।
शनिवार को पीएम ओली ने यह आरोप लगाया था कि नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के कुछ सांसद राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले हैं। जिसके बाद रविवार सुबह पार्टी के सह अध्यक्ष प्रचंड ने राष्ट्रपति भवन शीतल निवास जाकर बिद्या देवी भंडारी से मुलाकात की। उन्होंने साफ शब्दों में ओली के लगाए आरोपों को नकार दिया।
सोमवार को होने वाली पार्टी की स्थायी समिति की बैठक में ओली के भविष्य को लेकर बड़ा फैसला किया जा सकता है। यह बैठक शनिवार को होनी थी लेकिन एन वक्त पर इसे सोमवार तक के लिए टाल दिया गया था। बता दें कि पार्टी की स्थायी समिति में 45 सदस्य हैं जिसमें से केवल 14 ही पीएम ओली के समर्थक हैं।
ओली के इस्तीफे से शांत होगा प्रचंड गुस्सा
