गाजियाबाद। यूपी में विद्युत विभाग द्वारा लगाए गए स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के लिए जी का जंजाल बनते जा रहे हैं इन स्मार्ट मीटरों में यूनिट भी ज्यादा आती है और यह फास्ट भी चलते हैं हालांकि उपभोक्ताओं की ओर से लगातार इस संबंध में विभाग में शिकायतें दर्ज कराई जा रही हैं लेकिन नतीजा जीरो ही है मजबूरन उपभोक्ताओं को गलत बिलों के पैसे भरने पड़ रहे हैं। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में अब तक स्मार्ट मीटर से जुड़ी कई खामियां सामने आ चुकी हैं फिर भी बिजली विभाग के अधिकारी इन सब की तरफ से आंखें बंद किए हुए हैं बिजली विभाग के अधिकारियों की लापरवाही इस हद तक बढ़ गई है कि स्मार्ट मीटर के मामले में अगस्त से अब तक 3 बड़े मामले सामने आने के बाद भी किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सेंटर पावर रिसर्च इंस्टीट्यूट भेजे गए स्मार्ट मीटर की जांच में भी गड़बड़ी सामने आई है राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने स्मार्ट मीटर की गड़बड़ी को लेकर जनवरी में ऊर्जा मंत्री से शिकायत की थी 4518 स्मार्ट मीटर का भार 3 गुना से अधिक जंप कर गया था इसके बाद शुरुआती जांच के बाद कमेटी ने सभी बिजली कंपनियों से स्मार्ट मीटर के नमूने लेकर जांच के लिए सीपीआरआई को भेजे थे लेकिन बाद में विभाग की ओर से जांच रिपोर्ट के गुम होने की बात कही गई इस मामले में मंत्री के निर्देश पर पावर कारपोरेशन के एमडी ने रिपोर्ट को दबाने या गायब करने के मामले में जवाब तलब भी किया लेकिन विभागीय अधिकारियों ने अब तक कोई जवाब देना जरूरी नहीं समझा स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी के बारे में खुद ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि उपभोक्ताओं को कैसे राहत दे यही स्मार्ट मीटर का अभियान था स्मार्ट मीटर में कई तरह की गड़बडिय़ों के साथ ही भार जंपिंग के मामले भी संज्ञान में आए हैं लोगों की सुविधा के लिए लगाए गए स्मार्ट मीटर दोषियों को चिन्हित कर उन पर कार्रवाई की जाएगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार अगस्त के महीने में जन्माष्टमी के दिन प्रदेश के डेढ़ लाख से अधिक बिजली उपभोक्ताओं के स्मार्ट मीटर अचानक बंद हो गए थे विभाग की ओर से जांच में बताया गया कि गलत कमांड की वजह से ऐसा हुआ था इस संबंध में ऊर्जा मंत्री के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने एसटीएफ जांच के आदेश भी दिए थे साथ ही पावर कारपोरेशन ने भी जांच समिति गठित की थी लेकिन अब तक किसी पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अक्टूबर में भी उपभोक्ता परिषद द्वारा एक जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए कहा गया कि लगभग 1 साल पहले हुई जांच में स्मार्ट मीटर 30 गुना तेज चलते मिले इन सभी मामले में राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का आरोप है कि असल में सारा खेल मीटर निर्माता कंपनियों को बचाने के लिए है।
जी हां : स्मार्ट मीटर मतलब जी का जंजाल
