बिहार चुनाव: तीसरे चरण में दिग्गजों के बेटा-बेटियां मैदान में

चुनाव डेस्क। बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे व आखिरी चरण की 78 सीटों पर कुल 1208 प्रत्याशी मैदान में हैं। इस फेज में कई दिग्गज नेताओं के बेटे-बेटियां चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं। इन नेताओं के सामने अपने पिता की राजनीतिक विरासत संभालने की चुनौती है।
मधेपुरा की बिहारीगंज विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर शरद यादव की बेटी सुभाषिणी यादव चुनावी मैदान में हैं। उनका मुकाबला जेडीयू के निरंजन कुमार मेहता से माना जा रहा है। जेडीयू यहां पर पिछले दो चुनाव से लगातार जीत दर्ज कर रही है, लेकिन इससे पहले तीन बार आरजेडी जीती थीॉ। सबसे खास बात यह कि इसी जिले से शरद यादव चार बार सांसद रहे हैं ऐसे में सुभाषिनी के सामने पिता की राजनीतिक विरासत बचाने की चुनौती है।
मुजफ्फरपुर जिले की गयाघाट विधानसभा सीट से एलजेपी के टिकट पर कोमल सिंह चुनावी मैदान में हैं। उनके मुकाबले जेडीयू के महेश्वर प्रसाद हैं। कोमल सिंह के पिता दिनेश सिंह जेडीयू से एमएलएसी हैं और मां वीणा देवी वैशाली सीट से एलजेपी की सांसद हैं। बेटी के पक्ष में वोट मांगने के लिए जेडीयू ने दिनेश सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। ऐसे में कोमल सिंह के सामने अपने पिता और मां की राजनीतिक विरासत को बचाने की चुनौती है।
सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा सीट से आरजेडी के टिकट पर यूसुफ सलाउद्दीन चुनावी मैदान में हैं। उनके पिता महबूब कौसर खगडिय़ा लोकसभा सीट से एलजेपी के सांसद हैं। वहीं, एनडीए गठबंधन की ओर से वीआईपी के मुकेश सहनी खुद चुनावी मैदान में हैं। 2015 में विधानसभा चुनाव में सिमरी बख्तियारपुर से आरजेडी के जफर इस्लाम ने जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार यूसुफ सलाउद्दीन के सामने पिता की राजनीतिक विरासत बचाने की चुनौती है।
किशनगंज की ठाकुरगंज सीट पर मौलाना असरारुल हक के बेटे सऊद आलम आरजेडी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे हैं। उनके खिलाफ जेडीयू के मौजूदा विधायक नौशाद आलम हैं। जबकि एआइएमआइएम से महबूब आलम और निर्दलीय गोपाल अग्रवाल मैदान में हैं। एलजेपी से कलीमउद्दीन ने लड़ाई दिलचस्प बना दी है। मौलाना असरारुल हक खुद किशनगंज सीट से दो बार सांसद रहे हैं ऐसे में बेटे सऊद के सामने विरासत बचाने की चुनौती है।
2015 के चुनाव में मधेपुरा सीट से आरजेडी प्रत्याशी चंद्रशेखर जीते थे, लेकिन इस बार 20 साल के बाद जाप अध्यक्ष पप्पू यादव चुनाव लड़ रहे हैं। यहां से आरजेडी से चंद्रशेखर मैदान में है जबकि जेडीयू ने उस बीपी मंडल के पोते निखिल मंडल को अपना उम्मीदवार बनाया है जिनकी रिपोर्ट पर ओबीसी को आरक्षण मिला था। निखिल के पिता मनिंद्र कुमार मंडल फरवरी 2005 और उसी साल अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनाव में जीते थे। ऐसे में निखिल मंडल के सामने अपने पिता और दादा की विरासत बचाने कड़ी चुनौती है।
अररि की जोकीहाट विधानसभा सीट पर बीजेपी, आरजेडी और एआईएमआईएम के बीच त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है। आरजेडी से सरफराज आलम और बीजेपी से रंजीत यादव मैदान में हैं जबकि शाहनवाज आलम एआईएमआईएम से किस्मत आजमा रहे हैं। सरफराज आलम और शाहनवाज आलम सगे भाई हैं और पूर्व सांसद तस्लीमुद्दीन के बेटे हैं। जोकीहाट की सियासत तस्लीमुद्दीन के परिवार के इर्द-गिर्द रही है, लेकिन इस बार दोनों भाई के उतरने से मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है।