जमकर फल फूल रहा है नकली शराब का कारोबार

आशुतोष मिश्र, अमेठी। वीआईपी जिले का आबकारी महकमा अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में फेल साबित हो रहा है। पुलिस जहां कुछ सक्रियता दिखाते हुए नकली शराब की फैक्ट्रियां पकड़ रही है, वहीं आबकारी महकमे की कार्रवाई महज दुर्घटनाओं के बाद या फिर पर्व के मौके पर ही सामने आती है। जिससे नकली शराब का कारोबार फलता फूलता नजर आ रहा है।
दो माह में पुलिस ने पकड़ी नकली शराब की तीन फैक्ट्री नकली शराब के कारोबार को रोकने की जिम्मेदारी आबकारी विभाग की है। लेकिन लंबे अरसे से आबकारी महकमे ने नकली शराब की एक भी फैक्ट्री नहीं पकड़ी। जबकि बीते दो माह के दौरान पुलिस ने नकली शराब की तीन फैक्ट्रियों का खुलासा करते हुए लाखों रुपए मूल्य की शराब बरामद करते हुए 9 आरोपियों को जेल भेजा।
बीते 3 सितंबर को एसओजी टीम ने अमेठी के चतुर्भुजपुर में नकली शराब की फैक्ट्री से 19 लाख मूल्य की साढ़े पांच हजार लीटर शराब बरामद करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया। 5 नवंबर को पुलिस ने गौरीगंज के रोहसी बुजुर्ग में चल रही नकली शराब फैक्ट्री से साढे तीन लाख मूल्य की शराब बरामद करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। वही 6 नवंबर को शिवरतनगंज पुलिस ने 73 शीशी नकली शराब के साथ दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। इन सभी मामलों में पुलिस की कार्यवाही की भनक तक आबकारी महकमे को नहीं लग सकी। जिले के सभी थाना क्षेत्रों में कच्ची शराब का धंधा धड़ल्ले से चल रहा है। लेकिन इस अवैध कारोबार को रोकने में भी आबकारी महकमा फेल साबित हो रहा है। पुलिस ने बीते 3 महीने में लगभग 9000 लीटर कच्ची शराब बरामद करते हुए 160 मुकदमा पंजीकृत किए।
महकमे की मिलीभगत की बात आ रही सामने नकली शराब के कारोबार में आबकारी महकमे के अधिकारियों की मिलीभगत की बात सामने आती है। सूत्रों की माने तो अवैध फैक्ट्रियों में तैयार नकली शराब की खपत सरकारी देशी शराब के ठेकों पर ही की जाती है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी ठेकों पर बिकने वाली शराब की सेंपलिंग कराने से बचते नजर आते हैं। आबकारी अधिकारियों की उदासीनता का आलम यह है कि अधिकांशतया दीपावली, होली जैसे पर्व के समय ही छापेमारी अभियान चलाया जाता है। या फिर नकली शराब पीने से किसी की मौत हो जाती है तो ही छापेमारी शुरू की जाती है।