अक्षय पात्र फाउंडेशन ने बच्चों की सेवा में पूरे किए 20 वर्ष

लखनऊ। अक्षय पात्र फाउंडेशन ने बच्चों की सेवा में इस माह 20 वर्ष पूरे कर लिए। इन 20 वर्षों में संस्था ने स्कूली बच्चों को 330 करोड़ मिड-डे मील्‍स दिया।
20 साल पहले, 11 नवंबर 2000 को अक्षय पात्र फाउंडेशन के पहले किचन का उद्घाटन तत्कालीन केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री मुरली मनोहर जोशी व कर्नाटक के मुख्यमंत्री एस. एम. कृष्णा द्वारा किया गया था। अक्षय पात्र फाउंडेशन बच्चों के लिए गरम, पौष्टिक, स्वच्छ एवं स्वादिष्ट मिड-डे मील उपलब्ध कराकर उनके जीवन में सकारात्मक प्रभाव लाने के दो दशकों (20 वर्ष) का जश्‍न मना रहा है।
सफलता पूर्वक 20 साल के बाद अक्षय पात्र अब सेवा के तीसरे दशक में प्रवेश कर रहा है, तो कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने फाउंडेशन को बधाइयाँ दी है। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रहे सुनील गावस्कर ने भारत के बच्चों को मिड-डे मील उपलब्ध कराने की बेहतरीन सेवा के 20 वर्ष पूरे करने पर अक्षय पात्र की सराहना की है और भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दी हैं। रवि शास्त्री ने भी पूरे देश में लाखों बच्चों तक पहुँचने और साल 2000 से अब तक 320 करोड़ से ज्यादा भोजन परोसने के लिए संस्था की सराहना की है। कोविड-19 महामारी के दौरान फाउंडेशन द्वारा किए गए कार्यों की कपिल देव ने भी प्रशंसा की है और उन्होंने देश और ज़रूरतमंद लोगों की देखभाल करने के लिए संस्था को धन्यवाद किया है।
भारत सरकार के मिड-डे मील कार्यक्रम के भागीदार के रुप में अक्षय पात्र देश के 12 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के 19,039 सरकारी और अनुदानित स्कूलों में 18 लाख से ज़्यादा बच्चों को अपनी सेवाएँ प्रदान कर रहा है। फाउंडेशन के यूके चैप्टर ने केंद्रीकृत किचन मॉडल को अपनाया है, जिसके तहत यूके में परोसे जाने वाले प्रत्येक भोजन से भारत में एक बच्चे के लिए एक भोजन प्रायोजित किया जा सकता है। इतना ही नहीं, अक्षय पात्र ने बार-बार समाज के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी को प्रदर्शित किया है। इसके द्वारा किचन की अतिरिक्त क्षमताओं का इस्तेमाल कर राजस्थान में रोज़ाना मजदूरी करने वालों और रिक्‍शा खींचने वालों की सहायता करने की कोशिश की है। इसी तरह अनेकों अवसरों पर संकट के दौरान पूरे देश में इसके किचन इन्फ्रास्ट्रक्चर और संसाधनों का इस्तेमाल करने और लोगों के लिए अति-आवश्यक आहार उपलब्ध कराने के लिए यह संस्था आगे आयी है।
कोविड-19 महामारी के कारण वर्तमान में स्कूलों के बंद होने के कारण फाउंडेशन द्वारा कमज़ोर समुदायों के लिए राहत उपलब्ध कराने के लिए सरकार की कोशिशों में मदद हेतु अन्न सहायता दी जा रही है। दानकर्ताओं की मदद के साथ यह संस्था 18 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में कमज़ोर समुदायों को अन्न उपलब्ध कराने के लिए सरकार के साथ काम कर रही है। मार्च 2020 से अब तक ताज़े बनाए गए अन्न और आवश्यक राशन के साथ अन्न राहत किट के रुप में 10 करोड़ भोजन की व्यवस्था की जा चुकी है। हैप्पीनेस बॉक्स (खुशियों के बक्से) उपलब्ध कराकर एमडीएम लाभार्थियों को पोषण सहायता सुनिश्चित करने के लिए अक्षय पात्र सक्रिय रुप से सरकार और दानकर्ताओं के साथ काम कर रही है। इन बक्सों की सामग्री में ग्लूकोज़ बिस्किट और रागी आटा से लेकर रंगीन पेन्सिल और एक्टिविटी बुक तक बहुत कुछ शामिल है।
सामाजिक उद्देश्य के लिए यह संस्था सरकार, कॉर्पोरेट समूहों और समाज-सेवियों को एक ही मंच पर लाने का काम किया है। अक्षय पात्र के चेयरमैन मधु पंडित दास ने बताया कि “स्कूल में आने के लिए प्रोत्साहन के तौर पर बच्चों के लिए पौष्टिक मिड-डे मील उपलब्ध कराने की बच्चों की सेवा के 20 वर्ष पूरे करते हुए हम बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं। व्यक्तिगत रूप से मैं इनमें से कई बच्चों से और इसके साथ ही उनके परिवार से मिला हूँ और उनसे सुना है कि इस भोजन के, उनके लिए क्या मायने हैं।” उन्होंने कहा कि “हमें बच्चों की सेवा करने का यह मौका देने के लिए मैं भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और सभी राज्यों की सरकारों और केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासनों के प्रति ह्रदय से आभार प्रकट करना चाहता हूँ। उनके अनुसार अक्षय पात्र का मिशन वर्ष 2025 तक 50 लाख बच्चों तक पहुँचना है। उन्होंने बताया कि बच्चों के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करने वाले कार्यक्रमों की एक श्रृंखला भी शुरू की गई है। इसके तहत स्कूल कायाकल्प कार्यक्रम, जिसमें इन्फ्रास्ट्रक्चर संबंधी और शैक्षणिक श्रृंखलाओं के ज़रिए बच्चों के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने की कोशिश की जाएगी व बच्चों को उनके रुचि के क्षेत्र में प्रशिक्षित कराने का अवसर दिया जाएगा। योग्य छात्रों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए छात्रवृत्ति (एवीएसएआर) का अवसर भी उपलब्ध कराया जाएगा।
पद्मश्री, गाँधी शांति पुरस्कार, बाल कल्याण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार, बीबीसी वर्ल्ड सर्विस का ग्लोबल फूड चैंपियन व आउटलुक पोषण स्पेशल ज्यूरी अवॉर्ड जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करने वाला अक्षय पात्र फाउंडेशन एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो भारत में भूख और कुपोषण को दूर करने का प्रयास करता है। सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में मिड डे मील स्‍कीम का क्रियान्वयन कर अक्षय पात्र फाउंडेशन स्कूली बच्चों को दोपहर का भोजन देता है ताकि बच्‍चों को स्‍कूल लाया जा सके। वर्ष 2000 से, अक्षय पात्र ने स्कूल में हर दिन पौष्टिक भोजन के साथ अधिक से अधिक बच्चों तक पहुंचने के लिए काम किया है।
अक्षय पात्र ने 5 स्कूलों में महज 1,500 बच्चों के साथ भोजन की शुरूआत की थी और वर्तमान में यह दुनिया का सबसे बड़ा (गैर-लाभकारी) मिड-डे मील प्रोग्राम बन गया है। यह भारत में 12 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 19,039 स्कूलों के 1.8 मिलियन से अधिक बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध करा रहा है।
अक्षय पात्र गुजरात से लेकर त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश से लेकर तमिलनाडु तक 12 राज्यों और दो केन्द्र शासित प्रदेशों के 51 स्थानों पर मिड-डे मील (एमडीएम) प्रोग्राम का क्रियान्वयन कर रहा है। वह 19,039 स्कूलों के 1.8 मिलियन बच्चों तक अपनी पहुंच बना चुका है। अक्षय पात्र ने केन्द्र सरकार, राज्य सरकारों, कॉर्पोरेट्स, परोपकारियों, स्वयंसेवियों और कुक, हेल्पर, ड्राइवर, आदि समेत 6000 कर्मचारियों के साथ मिलकर एक मजबूत तंत्र बनाया है। यह तंत्र सुनिश्चित करता है कि देश के 1.8 मिलियन से ज्यादा बच्चों को ताजा पका हुआ, स्वच्छ, सुरक्षित और पोषक मध्याह्न भोजन सही समय पर मिलता रहे। फरवरी 2019 में, अक्षय पात्र कुल मिलाकर 3 बिलियन मील्स परोसने की उपलब्धि हासिल कर चुका था। आज तक यह फाउंडेशन देशभर में 3.33 बिलियन से ज्यादा मील्स परोस चुका है। अक्षय पात्र और उसके सहयोगी संगठनों ने निम्न-आय वर्गों के लोगों जैसे दैनिक मजदूरी वालों, रिक्शा चलाने वालों, कारखाना कर्मियों आदि के लिये सरकार की सब्सिडी वाले फूड प्रोग्राम्स का संचालन किया। देशभर में आपदा राहत कार्य के लिये भी अक्षय पात्र ने अपने रसोईघरों की क्षमता का उपयोग किया है। इस संस्था ने 2014 में नेपाल में आये भूकंप के बाद रिलीफ फीडिंग भी की थी।
स्‍कॉलरशिप प्रोग्राम के माध्यम से अक्षय पात्र ने 3046 लड़कियों समेत 5229 बच्चों के लिये 3 करोड़ रुपये से ज्यादा की छात्रवृत्ति का इंतजाम सरकार और कॉर्पोरेट द्वारा प्रस्तुत छात्रवृत्तियों की व्यापक श्रृंखला से किया है।
वर्ष 2016 में अक्षय पात्र के चेयरमैन मधु पंडित दास को भारत के बच्चों के लिये अक्षय पात्र द्वारा दी जाने वाली अनूठी सेवा के लिए पद्मश्री दिया गया। देश के लाखों बच्चों को मध्याह्न भोजन प्रदान कर भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान के लिये द अक्षय पात्र फाउंडेशन को गांधी शांति पुरस्कार 2016 मिला। बाल कल्याण के क्षेत्र में फाउंडेशन के प्रयासों के लिये उसे नेशनल अवार्ड फॉर चाइल्ड वेलफेयर 2016 मिला। भारत के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने साल 2019 में अर्बन न्यूट्रीशन (इंस्टिट्यूशन) में द अक्षय पात्र फाउंडेशन के महत्वपूर्ण योगदान के लिये उसे आउटलुक पोषण स्पेशल ज्यूरी अवार्ड दिया। वर्ष 2019 में अक्षय पात्र ने बीबीसी का ग्लोबल फूड चैम्पियन अवार्ड जीता।फाउंडेशन को फाइनेंशियल रिपोर्टिंग में उत्कृष्टता के लिये लगातार सात वर्षों तक इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेन्ट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) का गोल्ड शील्ड अवार्ड मिला। अक्षय पात्र पहला एनजीओ है, जिसे आईसीएआई हॉल ऑफ फेम 2019 में शामिल किया गया। वर्ष 2017 में अमेरिका के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बराक ओबामा से प्रशंसा पत्र मिला। एशिया के विकास में उत्कृष्ट योगदान के लिये साल 2016 में इकोनॉमिक एंड बिजनेस इनोवेशन कैटेगरी में निकी एशिया प्राइज मिला। मदर टेरेसा अवार्ड्स 2014 से बेस्ट एनजीओ के तौर पर सम्‍मानित किया गया। द ग्लोबल जर्नल 2013 द्वारा अक्षय पात्र को विश्व के शीर्ष 100 एनजीओ की सूची में शामिल किया गया। विश्व का सबसे बड़ा स्कूल मील प्रोग्राम चलाने के लिये जून 2010 में अक्षय पात्र का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में आया। इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स अवार्ड फॉर सोशल इम्पैक्ट 2020 जीता। एनजीओ 2020 के लिये कनार्टक रोटरी सीएसआर अवार्ड जीता। साल 2019 में नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन लार्ज के लिये इंटरनेशनल बिजनेस स्टीवी अवार्ड्स जीता।