शोध: सिगरेट से कोरोना का खतरा तीन गुना

डेस्क। सिगरेट पीने की लत आपको कोरोना संक्रमण का शिकार बना सकती है। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के एक शोध में यह बात सामने आई है। अपने अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि जिन लोगों को अत्यधिक सिगरेट पीने की आदत होती है उनमें आम लोगों के मुकाबले संक्रमण का खतरा तीन से पांच गुना अधिक होता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, ज्यादा सिगरेट का धुआं हमारे शरीर का इम्युन सिस्टम कमजोर कर देता है जिससे कोरोना वायरस का संक्रमण आसानी से शरीर में प्रवेश कर जाता है। अध्ययन में पाया गया कि धूम्रपान से ना सिर्फ सांस संबंधी संक्रमण होने की आशंका होती है बल्कि निमोनिया और दिल के दौरे के साथ उच्च रक्तचाप का खतरा भी बना रहता है। ऐसी स्थिति में आप आसानी से कोरोनावायरस के संक्रमण के शिकार हो सकते हैं।
मुख्य शोधकर्ता ब्रिगेट गोम्पर्ट के अनुसार, सिगरेट के धुएं के कारण शरीर में मौजूद इंटरफेरोन नामक सेल काम करना बंद कर देता है जो संक्रमण का खतरा बढ़ा देता है। यह सेल हमारे फेफड़ों को किसी भी संक्रमण से बचाने के लिए एक दीवार की तरह काम करते हैं। सिगरेट के धुएं के कारण इस परत में जगह-जगह छेद हो जाते हैं। इस वजह से किसी भी संक्रमण से लडऩे की इनकी क्षमता कम हो जाती है। धूम्रपान करने वाले लोगों के साथ ही मधुमेह, अस्थमा या हृदय रोग जैसी किसी बीमारी का सामना कर रहे व्यक्ति का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाती है इस स्थिति में कोरोना वायरस के अटैक का खतरा ज्यादा रहता है। यदि कोई मधुमेह रोगी सिगरेट पीने का आदी है तो उसके पूरे शरीर की रक्त वाहिका में कमजोरी आ जाती है, इससे फेफड़े की कार्य क्षमता पर असर पड़ता है। स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय के एक अध्ययन के अनुसार ई-सिगरेट पीने से कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा पांच सौ फीसदी अधिक होता है। इसमें मिला निकोटीन और अन्य केमिकल ज्यादा नुकसानदायक होते हैं।
शोधकर्ताओं ने कोविड 19 और ई-सिगरेट के बीच संबंध जांचने के लिए चार हजार से अधिक लोगों पर अध्ययन किया। इसके नतीजों में पांच गुना अधिक खतरा पाया गया। वहीं, सिगरेट और ई-सिगरेट दोनों का सेवन करने वालों में संक्रमण की दर सात फीसदी थी।
हाल में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि धूम्रपान या ई-सिगरेट कोरोना वायरस के संक्रमण को और खतरनाक बना सकता है।