देव दीपावली के लिए तैयार काशी: लहरों पर सवार होंगे मोदी

तेजबल पांडे, वाराणसी। देव उत्सव (देव दीपावली) के लिए सजकर तैयार हो गई है। देश-विदेश से आने वाले सैलानियों को जन उत्सव में इस बार अलग नजारा देखने को मिलेगा। लाखों दीपों की रोशनी में नहाए घाटों के साथ गंगा की लहरों पर भगवान शिव के तो दर्शन होंगे, लेकिन आकर्षण का प्रमुख केंद्र दशाश्वमेध व शीतला घाट पर महाआरती देखने को नहीं मिलेगी। उत्सव के 25 साल के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब प्रशासन द्वारा गंगा में मंच बनाने पर रोक के चलते न महाआरती होगी और न ही घाट सजेगा।
काशी की सांस्कृतिक विरासत की पहचान बने देव दीपावली उत्सव का 26 वां संस्करण 12 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन लोकार्पित होगा। राजघाट पर मुख्य आयोजन में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल मौजूद रहेंगी। देव दीपावली की भव्यता के मुरीद देश ही नहीं, बल्कि विदेशों के लोग भी हैं। इस बार शासन और प्रशासन की भागीदारी से उत्सव में बहुत कुछ नया होने जा रहा है। पहली बार उत्सव के दौरान गंगा की लहरों पर लेजर-शो का आयोजन होगा। राजघाट पर दीये जलने के बाद 20-20 मिनट के चार लेजर-शो में बाबा विश्वनाथ के दर्शन के साथ शिव की जटाओं से गंगा निकलने का दृश्य भी दिखाया जाएगा। इसके साथ ही पर्यटन विभाग की ओर से राजघाट पर चार सेल्फी पॉइंट और सोशल मीडिया सेंटर बनाया गया है।अस्सी से राजघाट तक सजने वाली दीपों की श्रृंखला में महोत्सव की भव्यता के लिए समितियों ने अपनी-अपनी थीम पर सजावट को अंतिम रूप दिया है। तुलसीघाट पर कश्मीर के लाल चौक की रिप्लिका पर लहराते तिरंगे के बीच डल झील व शिकारे दिखेंगे तो दशाश्वमेध घाट पर अमर जवान ज्योति की रिप्लिका के सामने सेना की टुकड़ी सलामी देती दिखेगी।
देव दीपावली उत्सव को और भव्य रूप देने के लिए सांस्कृतिक केंद्र की ओर से संत रविदास, राजा घाट, रामघाट, रीवां घाट समेत 15 घाटों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 150 से ज्यादा स्थानीय कलाकार कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। राजघाट पर पंजाबी गायक हंसराज हंस और संतूरवादक भजन सोपोरी प्रस्तुति देंगे।