गाजियाबाद में नहीं रुक अवैध निर्माण: प्राधिकरण कर्मियों की मिलीभगत

श्यामल मुखर्जी/गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अवर अभियंता,सहायक अभियंता व सुपरवाइजर के कारनामों से प्रवर्तन अनुभाग जॉन 5 में अवैध निर्माण धड़ल्ले से चल रहे हैं । प्रवर्तन जॉन 5 में अकबरपुर बहरामपुर क्षेत्र में तैनात सुपरवाइजर शत्रुघ्न सिंह,अवर अभियंता धनंजय सिंह तथा सहायक अभियंता आरके वर्मा के क्षेत्र में विजय सिंह चौहान द्वारा तिगरी गोल चक्कर के पास लगभग 500 गज में बेसमेंट के साथ चार मंजिला अपार्टमेंट बना दिया गया है। सबसे बड़ा दुस्साहस है कि यह सब प्राधिकरण द्वारा लगाई गई सील तोड़ कर बनाया गया है । इसमें प्राधिकरण कर्मियों का सहयोग ना हो प्रश्न ही नहीं पैदा होता है। ऐसा ही सुपरवाइजर शत्रुघ्न सिंह, अवर अभियंता धनंजय सिंह व सहायक अभियंता आरके वर्मा द्वारा राजू सिंघानिया कंपाउंड में तिगरी गोल चक्कर अकबरपुर बहरामपुर में तिलक सिंह यादव व अन्य को प्रोत्साहन देकर पांच मंजिला अपार्टमेंट का निर्माण बगैर नक्शे स्वीकृत कराए कराया जा रहा है । रानी लक्ष्मीबाई नगर में कृष्णा वाटिका के समीप भी इन कर्मियों ने आठ से दस अवैध बगैर नक्शा स्वीकृत कराए निर्माण करवाए जा रहे हैं। इन निर्माणों में दुकानों का भी निर्माण धड़ल्ले से कराया जा रहा है। कृष्णा वाटिका में 2 प्लॉटों पर फ्लैटों का निर्माण विक्रय के उद्देश्य से बिल्डरों/भू माफियाओं द्वारा कराया जा रहा है। निर्माण कालम/ पिलर स्तर तक पहुंच चुका है साथ ही अवैध कालोनी भू माफियाओं से मिलकर कटवाई जा रही है। एसटीपी के सामने 15 बीघा में अवैध कालोनी कटवा कर शत्रुघ्न सिंह,धनंजय सिंह व आरके वर्मा ने लक्ष्मी के सामने अपने कर्तव्य से आंखें मूंदकर घुटने टेक दिए हैं। इस अवैध कालोनी में सील के बावजूद अवैध निर्माण रात दिन जोरों पर हैं। सूत्रों के अनुसार सुपरवाइजर शत्रुघ्न सिंह व धनंजय सिंह को ऊपर से आशीर्वाद प्राप्त है। इनके द्वारा मु_मर्दी के साथ कहा जाता है कि हमारा कोई क्या बिगाड़ लेगा। ज्यादा से ज्यादा ट्रांसफर दूसरी जगह हो जाएगा वहां पर भी तो यही करना होगा।
इस प्रकार प्राधिकरण को आर्थिक अभाव के मुख्य यही कारण है जो धन प्राधिकरण कोष में आना होता है वह इन कर्मियों की जेब में चला जाता है। सूत्रों की माने तो अब इन तीनों कर्मियों पर नजर रखने हेतु पर्यवेक्षक के तौर पर ओएसडी सुशील कुमार चौबे को नियुक्त किया गया है। देखें अब क्या होता है । लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की तीसरी आंख की नजर इन पर भी रहेगी।