हाथरस कांड: तस्वीर प्रकरण पर एससी का इनकार

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मीडिया में हाथरस पीडि़ता की तस्वीर प्रकाशित किए जाने को लेकर सवाल उठाने वाली एक याचिका पर सुनवाई करने से बुधवार को यह कहकर इनकार कर दिया कि अदालत इस पर कानून नहीं बना सकती है और याचिकाकर्ता मामले पर सरकार से निवेदन कर सकता है। हाथरस में 14 सितंबर को 19 वर्षीय एक दलित लडक़ी से चार लोगों ने कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उपचार के दौरान 29 सितंबर को लडक़ी की मौत हो गयी थी। प्रशासन ने लडक़ी के अभिभावकों की सहमति के बिना ही रात में उसका अंतिम संस्कार कर दिया था जिसकी काफी आलोचना हुई थी।याचिका में यौन उत्पीडऩ के मामलों में सुनवाई में होने वाली देरी के मुद्दे भी उठाए गए।याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति एन वी रमन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने की। पीठ में न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस भी शामिल थे। पीठ ने कहा, ‘‘इन मामलों का कानून से कोई लेना देना नहीं है।’’पीठ ने कहा, ‘‘यहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है। इसके लिए समुचित कानून हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसी घटनाएं होती हैं।’’शीर्ष अदालत ने आगे कहा कि हम कानून पर कानून नहीं बना सकते ।न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता इस संबंध में सरकार से निवेदन कर सकता है।शीर्ष अदालत ने 27 अक्टूबर को कहा था कि हाथरस मामले में सीबीआई जांच की निगरानी इलाहाबाद उच्च न्यायालय करेगा और सीआरपीएफ पीडि़ता के परिवार और गवाहों को सुरक्षा मुहैया कराएगा।न्यायालय ने अक्टूबर में कुछ याचिकाओं पर फैसला सुनाया था जिसमें घटना और अंतिम संस्कार के तौर तरीकों को लेकर चिंता व्यक्त की गई थी।