विवादों से बड़े बने बाबा: घटिया उत्पाद फिर भी मालामाल

अमृतांशु मिश्र। इस देश का शायद चलन हो गया है कि जो जितना विवाद में रहेगा वह उतना ही बड़ा बनता जायेगा। इसी विवाद की देन है योग गुरू बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि। इसके उत्पाद शुरू से ही विवाद में रहे और शायद इसी का नतीजा रहा कि वित्त वर्ष 2019-20 में पतंजलि को 425 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। फीसदी के हिसाब से करीब 21 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। इसी तरह, पतंजलि का राजस्व भी बढ़ा है। वित्त वर्ष 2019-20 में पतंजलि का राजस्व पिछले साल की तुलना में करीब 6 फीसदी बढक़र 9,023 करोड़ रुपये पहुंच गया। यह बिजनेस इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म के आंकड़ों के मुताबिक हैं।
हाल ही में योगगुरु बाबा रामदेव की पतंजलि के शहद पर सेंटर फ़ॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट ने सवाल खड़े किए हैं। हालांकि, कंपनी ने इस मामले में सफाई भी दी है लेकिन यह पहली बार नहीं है जब पतंजलि का कोई प्रोडक्ट सवालों के घेरे में है। इससे पहले पतंजलि के कोरोनिल, नूडल्स जैसे प्रोडक्ट को लेकर भी हंगामा मच चुका है। बीते जून महीने में योग गुरु बाबा रामदेव ने पतंजलि आयुर्वेद की तरफ से तैयार कोरोनिल दवा को लॉन्च किया था। लॉन्चिंग के वक्त रामदेव ने दावा किया था कि कोरोनिल से कोरोना मरीज ठीक हो सकते हैं। हालांकि, आयुष मंत्रालय ने इसे बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्रालय ने कहा कि पतंजलि इस उत्पाद को केवल प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवा के तौर पर बेच सकती है। साल 2015 में लॉन्चिंग के बाद पतंजलि आटा नूडल्स विवादों में आ गया। दरअसल, तब भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने कहा था कि योग गुरु की कंपनी ने नूडल्स लॉन्च करने से पहले जरूरी मंजूरी नहीं ली है। पतंजलि के एक अन्य प्रोडक्ट आंवला जूस की बिक्री पर भी रोक लगाई गई थी। आंवला जूस के बैच की कोलकाता की सेंट्रल फूड लैबोरेटरी में जांच की गयी तो इस्तेमाल के लिए सही नहीं पाया गया। इसके बाद बिक्री पर रोक लगा दी गई थी। इसी तरह, पतंजलि के दंतकांति टुथपेस्ट को लेकर भ्रामक विज्ञापन दिखाने का आरोप लग चुका है। भारतीय विज्ञापन मानक परिषद ने पतंजलि के केश कांति संबंधी विज्ञापन को भी भ्रामक पाया था। साल 2015 में एक अन्य प्रोडक्ट दिव्य पुत्रजीवक बूटी पर भी जमकर हंगामा मचा था। बताना जरूरी है कि बाबा रामदेव के उत्पादों को लेकर यूपी विधानसभा में प्रश्न उठा था। कांग्रेस के एमएलसी दीपक सिंह ने विधान परिषद में बाबा के उत्पादों को लेकर सवाल उठाया था जिसके बाद सरकार ने उत्पादों की जांच करवायी और कई उत्पादों में खराबी पायी गयी और कुछ की रिपोर्ट बाहर ही नहीं आ पायी। खैर बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि को लेकर जितने विवाद खड़े होते हैं उसके बाद उनका मुनाफा उतना ही बढ़ जाता है।