पतंजलि के उत्पाद: बाबा रे बाबा…

अमृतांशु मिश्र। योग गुरू बाबा रामदेव और उनके शिष्य बालकृष्ण की कंपनी जब से अवतरित हुई है उसके उत्पाद हमेशा से विवादों में रहे हैं। अभी हाल ही में बाबा के शहद को लेकर भी जांच हुई तो नमूने फेल हो गये। शहद के लिए बाबा का दावा था कि यह एक दम शुद्ध और प्राकृतिक है मगर जब जांच हुई तो उसमें कृतिम शहद पाया गया। बाबा के उत्पाद शुरू से ही खरे नहीं उतरे मगर जिस प्रकार की ब्रांडिंग बाबा ने की उससे उनके काले उत्पाद भी सफेद हो गये। रामदेव और बालकृष्ण के पतंजलि के उत्पाद को लेकर हमेशा जांच होती है मगर नतीजा ढाक के तीन पात रहता है।
बताते चलें कि बीते जून महीने में योग गुरु बाबा रामदेव ने पतंजलि आयुर्वेद की तरफ से तैयार कोरोनिल दवा को लॉन्च किया था। लॉन्चिंग के वक्त रामदेव ने दावा किया था कि कोरोनिल से कोरोना मरीज ठीक हो सकते हैं। हालांकि, आयुष मंत्रालय ने इसे बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्रालय ने कहा कि पतंजलि इस उत्पाद को केवल प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवा के तौर पर बेच सकती है। साल 2015 में लॉन्चिंग के बाद पतंजलि आटा नूडल्स विवादों में आ गया। दरअसल, तब भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने कहा था कि योग गुरु की कंपनी ने नूडल्स लॉन्च करने से पहले जरूरी मंजूरी नहीं ली है। पतंजलि के एक अन्य प्रोडक्ट आंवला जूस की बिक्री पर भी रोक लगाई गई थी। आंवला जूस के बैच की कोलकाता की सेंट्रल फूड लैबोरेटरी में जांच की गयी तो इस्तेमाल के लिए सही नहीं पाया गया। इसके बाद बिक्री पर रोक लगा दी गई थी।
इसी तरह, पतंजलि के दंतकांति टुथपेस्ट को लेकर भ्रामक विज्ञापन दिखाने का आरोप लग चुका है। भारतीय विज्ञापन मानक परिषद ने पतंजलि के केश कांति संबंधी विज्ञापन को भी भ्रामक पाया था। साल 2015 में एक अन्य प्रोडक्ट दिव्य पुत्रजीवक बूटी पर भी जमकर हंगामा मचा था। बहरहाल बाबा का उत्पाद जांच में जाने के बाद किन कारणों से बिकने के लिए उपलब्ध हो जाता है यह अपने आप में जांच का विषय है।