पतंजलि के बालकृष्ण: कहां से आया, मैं हूं कौन

अमृतांशु मिश्र। पतंजलि आयुर्वेद के सीईओ आचार्य बालकृष्ण आज अमीरों की लिस्ट में 1899वें स्थान पर हैं। बाबा रामदेव के बेहद करीबी आचार्य बालकृष्ण के माता-पिता नेपाली मूल के थे। लेकिन उनका जन्म हरिद्वार में ही हुआ था। उस दौर में उनके पिता हरिद्वार के एक आश्रम में सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर काम करते थे। 6 भाईयों में से एक बालकृष्ण के जन्म के कुछ सालों बाद ही उनके माता-पिता भारत से नेपाल लौट गए थे और खेती करने लगे। हालांकि आचार्य बालकृष्ण महज 12 साल की उम्र में फिर से भारत लौट आए थे और हरियाणा के कनखल स्थित आश्रम में पढऩे लगे थे। यहीं पर उनकी पहली मुलाकात बाबा रामदेव से हुई थी। आचार्य बालकृष्ण की बाबा रामदेव से 1988 में कनखल स्थित आश्रम में ही मुलाकात हुई थी। यहां बालकृष्ण ने आचार्य बलदेव से ही योग और वेदों का अध्ययन किया था। एक साल बाद ही इस गुरुकुल से दोनों अलग हो गए थे, लेकिन दोनों अकसर पत्रों के जरिए संपर्क में रहते थे। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद बालकृष्ण ने पूरे देश में घूमना शुरू किया और आयुर्वेदिक दवाइयों, जड़ी बूटियों पर उध्ययन करते थे। शायद यही वजह है कि जब पतंजलि की स्थापना हुई तो दवाओं से जुड़े काम और योजना बनाने की जिम्मेदारी आचार्य बालकृष्ण को दी गई थी। वहीं बाबा रामदेव प्रचार और योग जैसे कामों में जुट गए। 1993 में दोनों की एक बार फिर से गंगोत्री में मुलाकात हुई थी। यहीं पर दोनों के बीच आयुर्वेद पर काम करने को लेकर चर्चा हुई और फिर दोनों ने मिलकर एक चैरिटेबल ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन कराया। यहीं से दिव्य फार्मेसी की शुरुआत हुई थी। इसके बाद 2002 एक ऐसा साल था, जब दोनों की लाइफ में बड़ा बदलाव आया। बाबा रामदेव टीवी चैनलों पर योग के कार्यक्रमों से लोकप्रिय हो गए थे और तमाम शहरों में शिविर लगने लगे थे। इसके बाद 2006 में पतंजलि आयुर्वेद की स्थापना हुई थी। आज यह कंपनी 10,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा के टर्नओवर वाली संस्था है। आचार्य बालकृष्ण सीईओ के तौर पर काम करते हैं। फोब्र्स की ओर से 2019 में जारी अमीरों की लिस्ट में उन्हें दुनिया में 1899वें नंबर पर रखा गया था। दुनिया के टॉप 2000 अमीरों में शामिल आचार्य बालकृष्ण की संपत्ति 1.3 बिलियन डॉलर है।