किसानों को नहीं सरकार पर भरोसा: बाबा टिकैत

श्यामल मुखर्जी/दिनेश शर्मा, गाजियाबाद। मशहूर किसान नेता बाबा महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे राकेश टिकैत को भी किसानों ने बाबा का दर्जा दिया है। किसान अब राकेश टिकैत के अंदर बाबा महेंद्र सिंह टिकैत की तस्वीर निहार रहे हैं। उत्तर प्रदेश दिल्ली सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन में बाबा टिकैत ने किसान क्रेडिट कार्ड को किसान की मौत का कारण बताया था। आज देश में यही हालात है। सरकार किसान को फसल का पूरा पैसा दे नहीं रही और किसान को कर्ज में डूबा रही है। यह सब सरकार की योजना है। सरकार आने वाले समय में लैंड बैंक बनाना चाहती है जो किसान कर्ज नहीं लौटाएगा उसकी जमीन लेकर किसान को ही जल्द खत्म किया जाएगा। यह कहना है भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का।
शनिवार को पैदल मार्च के बाद दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर आयोजित सभा में बाबा राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार हर बार स्कीम लाकर कहती है कि कर्ज ले लो,किसान को फायदा होगा। इसके तहत ही केसीसी सरकार लाई थी । उस वक्त बाबा महेंद्र सिंह टिकैत ने क्रेडिट कार्ड को किसान की मौत का कारण बताया था। आज यही हालात देश में है। किसान क्रेडिट कार्ड में संशोधन कराने की बात करता है तो सरकार सुनती नहीं है। किसान सरकार को 300त्न से ज्यादा ब्याज दे रहा है। आने वाले समय में सरकार किसानों से यह कह दे कि बैंक का पैसा लौटा दो तो किसी किसान की हैसियत नहीं कि पैसा लौटा दे। ऐसे में ही सरकार अब नई पॉलिसी बना रही है। लैंड बैंक बनाने की तैयारी कर रही है। यह सरकार के आने वाले समय का प्लान है। इस के जरिए सरकार किसानों की जमीन हथियाना चाहती है।
बाबा राकेश टिकैत का कहना है कि सरकार कर्ज माफी की जगह किसान को कर्ज देते रहने की पॉलिसी अपना रही है। अभी सरकार ने किसानों के लिए करीब 10 लाख करोड़ रुपए का कर्ज देने की व्यवस्था की। इस पर हमने कहा कि किसान को कर्ज नहीं चाहिए। किसान को अपनी फसल की कीमत चाहिए। एक- एक साल में सरकार हमारी फसल की कीमत देती है। बाबा राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार डिजिटल इंडिया कैंपेन चला रही है। सरकार किसानों को भी इस कैंपेन से जोड़े। किसान भी कार्ड से अपना पैसा निकाल लेंगे। सरकार किसानों की 24 फसलों को डिजिटल कैंपेन से जोड़ दें। किसान जैसे ही सरकार को फसल बेचे उसके अकाउंट में पैसे पहुंच जाएं। यह पेमेंट बैंक से ही होती है लेकिन किसान का भुगतान सरकार नहीं करना चाहती है। भुगतान तो एक साल में ही होगा। सरकार किसानों पर भारी अत्याचार कर रही है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने देश के सभी किसानों से आह्वान किया कि सभी किसान और किसान संगठन एकत्रित हो जाएं। अब यह लड़ाई किसी एक संगठन की लड़ाई नहीं है। किसी एक संगठन में ताकत नहीं है कि यह लड़ाई अकेले जीत सके । अब सभी किसान संगठन एकजुट होकर लड़ेंगे तो जीत जरूर मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार संगठन को तोडऩा चाहती है। सरकार देख रही है कि कैसे इस संगठन को तोड़ा जाए। संगठन के अंदर कैसे घुस सकते हैं लेकिन सरकार को कोई रास्ता नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा कि सरकार के पास कृषि कानून वापसी का ही एक रास्ता खुला हुआ है। सरकार ने जो गलत काम किया है उससे उसे पीछे हटना ही पड़ेगा।