जिलाधिकारी का आदेश ताक पर: पुलिस प्रशासन ने पल्ला झाड़ा

श्यामल मुखर्जी/दिनेश शर्मा, गाजियाबाद। जिलाधिकारी के आदेशों के बावजूद भी कोरोना महामारी के कारण प्रतिबंधित मंगलवार को साप्ताहिक बंदी के दिन भी डासना गेट चौकी क्षेत्र में बाजार खोला गया जबकि अन्य बाजार बंद रहे। इसको लेकर कुछ दुकानदारों द्वारा विरोध प्रदर्शन भी किया गया। जिस पर पुलिस ने यह कहते हुए कि बाजार बंद कराना प्रशासन व श्रम विभाग का काम है पुलिस का नहीं जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। कोरोना महामारी के चलते प्रशासन द्वारा हाल ही में आदेश जारी किया गया था कि किसी खास पर्व को छोडक़र बाजारों में सख्ती से साप्ताहिक बंदी लागू रहेगी जिसका पालन कराया जाएगा ताकि महामारी के फैलने से बचा जा सके लेकिन डासना गेट चौकी क्षेत्र के डासना गेट बाजार, जटवाड़ा बाजार सहित अन्य बाजारों को खोला गया जिससे अन्य बाजारों के बंद होने से इस बाजार में मंगलवार को काफी भीड़ देखी गई। वहीं कुछ दुकानदारों ने इसका विरोध भी किया। उधर दुकानदारों का कहना था कि वह प्रशासन के आदेशों का पालन कर रहे हैं लेकिन 75 प्रतिशत दुकानदार बंदी के दिन भी दुकान खोल कर कमाई करने पर जुटे हैं। ऐसी स्थिति में कोरोना और अधिक फैलने की आशंका है। इस पर चौकी प्रभारी चौधरी से भी दुकानदारों द्वारा शिकायत की गई तो चौकी प्रभारी ने सभी को वापस लौटा दिया। इस संबंध में एसपी सिटी अभिषेक वर्मा ने बताया कि बाजार बंद कराना प्रशासन व श्रम विभाग का काम है। पुलिस का इसमें कोई रोल नहीं है। प्रशासन व श्रम विभाग बंद कराना चाहेगा और उनको लगेगा कि ला इन ऑर्डर की बात है तो पुलिसकर्मी संबंधित विभाग के कर्मचारियों के साथ रहकर पालन करा सकते हैं। यहां सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि क्या जिलाधिकारी कार्यालय से पुलिस प्रशासन को पत्र इस संबंध में प्रेषित नहीं किया गया होगा तो पुलिस प्रशासन इस जिम्मेदारी से अंजान कैसे बने रह सकते हैं। दिक्कत है तो बस अपनी जिम्मेदारी से बचने की । साथ ही प्रशासन से तालमेल व सहयोग स्थापित ना कर पाने की।