गहलोत सरकार: बीटीपी ने समर्थन वापस लिया

जयपुर। राजस्थान सरकार को समर्थन दे रही दो विधायकों वाली भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने अशोक गहलोत सरकार से बुधवार को समर्थन वापस ले लिया है। अभी तक हर सियासी संकट में बीटीपी गहलोत सरकार का समर्थन देती आई थी। राज्यसभा चुनाव और उसके बाद मुख्यमंत्री गहलोत तथा सचिन पायलट में मतभेदों के वक्त भी बीटीपी ने गहलोत का साथ दिया था।
बीटीपी के सरकार से समर्थन वापिस लेने के बाद भी सरकार को फिलहाल किसी तरह का खतरा नहीं है। भाजपा और उसकी सहयोगी आरएलपी को छोडक़र निर्दलीयों सहित सभी दलों का करीब-करीब समर्थन है। डूंगरपुर जिला प्रमुख के चुनाव में कांग्रेस और भाजपा ने बीटीपी को हराने के लिए हाथ मिला लिए थे। पार्टी इससे नाराज चल रही थी।
बीटीपी के प्रदेश अध्यक्ष वेलाराम घोघरा ने बुधवार को सरकार से समर्थन वापसी की घोषणा कर दी। बीटपी का आरोप है कि सरकार ने उनकी 17 सूत्री मांगों में से एक भी पूरी नहीं की है। बीटीपी के राज्य विधानसभा में दो विधायक हैं। वेलाराम ने कहा कि पार्टी की ओर से आज रात तक सरकार से समर्थन वापसी का पत्र राज्यपाल कलराज मिश्र और विधानसभा अध्यक्ष को सौँप दिया जाएगा।