बोले मोदी: गुरुदेव के चिंतन, दर्शन और परिश्रम का एक साकार अवतार

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के विश्व भारती यूनिवर्सिटी के 100 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत पर जोर दिया और साथ में रवींद्रनाथ टैगोर के विजन को याद किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम मोदी का संबोधन सुबह 11 बजे शुरू हुआ। समारोह में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी मौजूद थे।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि विश्वभारती की सौ सालों की यात्रा बहुत विशेष है। विश्वभारती, मां भारती के लिए गुरुदेव के चिंतन, दर्शन और परिश्रम का एक साकार अवतार है। भारत के लिए गुरुदेव ने जो सपना देखा था, उस सपने को मूर्त रूप देने के लिए देश को निरंतर ऊर्जा देने वाला यह एक तरह से आराध्य स्थल है। पीएम बोले कि विश्वभारती विश्वविद्यालय के 100 वर्ष होना प्रत्येक भारतवासी के लिए बहुत ही गर्व की बात है और यह उनके लिए भी सुखद है कि आज के दिन इस तपोभूमि का पुण्य स्मरण करने का अवसर उन्हें मिल रहा है।
पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘हमारा देश, विश्व भारती से निकले संदेश को पूरे विश्व तक पहुंचा रहा है। भारत आज इंटरनेशनल सोलर अलायंस के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण में विश्व का नेतृत्व कर रहा है। भारत आज इकलौता बड़ा देश है जो पैरिस समझौते के पर्यावरण के लक्ष्यों को प्राप्त करने के सही मार्ग पर है।