भयावह: कोरोना से ठीक हुए मगर हो गये लकवाग्रस्त

डेस्क। गुजरात में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में कमी आ रही है और इसके चलते प्राइवेट कोविड अस्पतालों के करीब 80 फीसदी तक बेड खाली हो चुके हैं। लेकिन इस बीच यहां कोरोना से ठीक हुए लोगों में एक नई समस्या का पता चला है। दरअसल इनमें से कुछ मरीजों में लकवा की शिकायत देखने का मिली है। राज्य में कोरोना के संक्रमण से उबरने वाले कई रोगियों में म्यूकोसल माइकोसिस के बाद अब ग्यूलियन बेरे सिन्ड्रोम नामक दुर्लभ बीमारी की पुष्टि हुई है। अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में ऐसे करीब दस मामले सामने आए हैं, जबकि कुछ मामले अहमदाबाद के अलावा अन्य स्थानों में मिले हैं।
डॉक्टरों के अनुसार यह बीमारी अंगों के लकवा मारने से संबंधित है। अब ये बीमारी उन रोगियों में फैल गई है जो कि कोरोना संक्रमण से उबर चुके हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह एक ऐसा विकार है, जिसमें रोगी के शरीर में पहले सिहरन या दर्द होने लगता है और फिर उसके बाद उसकी मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं। लक्षण पता लगते ही इलाज न होने पर ब्रीदिंग मसल्स तक कमजोर हो जाती हैं। वहीं कई बार मरीज को लकवा तक हो जाता है, साथ ही इससे मास्तिष्क भी प्रभावित होता है। ग्यूलियन बेरे सिन्ड्रोम बीमारी में मांसपेशियों के कमजोर होने की शुरुआत हाथ और पैरों से होती है। इस बीमारी के लक्षण आधे दिन से लेकर दो सप्ताह के भीतर ही काफी गंभीर रूप अख्तियार कर लेते हैं।