योगी सरकार का प्रदूषण पर वार

वाराणसी। योगी सरकार वाराणसी को सुदंर बनाने और लोगों को स्वस्थ वातातरण देने के लिए अपने संकल्प को पूरा कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की वायु को स्वस्थ बनाए रखने के लिए शहर के 15 स्थानों पर एम्बिएंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन का निर्माण किया गया है। जिससे एक ओर शहर के प्रदूषित वातावरण में धूल के कणों को पता लगाया जा सकता है वहीं दूसरी ओर पर्यावरण को प्रदूषित करने वाली ज़हरीली गैसों का भी पता लगा सकते हैं। ये उपकरण पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले छह हानिकारक कारकों को भांप कर समय से पर्यावरण प्रदूषण पर लगाम लगाने में कारगर साबित हो रहें हैं। म्युनिसिपल कमिश्नर गौरांग राठी ने बताया कि स्मार्ट सिटी के तहत वाराणसी के पंद्रह जगहों पर एम्बिएंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन बनाया गया है। जिसमे छह तरह के अत्याधुनिक सेंसर लगे हुए हैं। ये सेंसर शहर की वायु में प्रदूषणों के मानकों की रियल टाइम सूचना देंगे। वातावरण में हानिकारक गैसों की मात्रा अधिक होने पर सेंसर सूचना को एकत्र कर कंट्रोल रूम में भेजते हैं। वायु में कार्बन डाईऑक्साइड, सल्फर डाईऑक्साइड, नाइट्रोजन की अधिकता होते ही ये कंट्रोल रूम को डाटा भेज देते हैं। जिससे सूचना के अनुसार प्रशासन द्वारा समय पर बचाव के आवश्यक कदम उठाए जा सकें। इन सेंसर के जरिए ध्वनि प्रदूषण, तापमान, आद्रता और अल्ट्रावॉयलेट किरणों के साथ ही बारिश का भी पता लगाया जा सकता है। नैनो तकनीक पर आधारित जर्मन डस्ट सेंसर महीन धूल के कणों की मात्रा का सही माप करने में भी सक्षम हैं।
शहर के सबसे ज्यादा भीड़-भाड़ और औद्योगिक स्थानों को चिन्हित कर उन इलाकों में एम्बिएंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन को बनाया गया है। इंडस्ट्रियल एरिया,शहर के भीड़-भाड़ वाले स्थानों के साथ ही आउटर इलाकों में पंद्रह स्थानों पर एम्बिएंट एयर क्वालिटी मानिटिरिंग स्टेशन बनाए गए हैं। जिसमें तरना, पंचक्रोशी मार्ग, पड़ाव, कैंट स्टेशन, अर्दली बाजार, बौलिया, कंदवा, बीएचयू, आदमपुर, भेलूपुर, मलदहिया, चितरंजन पार्क, मंडुवाडीह, शास्त्री चौक, सारनाथ की आबो हवा को दुरुस्त बनाए रखने के लिए इसकी निगरानी रियल टाइम एम्बिएंट एयर क्वालिटी मानिटरिंग स्टेशन से की जाती है और एयर क्वालिटी इंडेक्स की सूचना हर दस मिनट पर कंट्रोल रूम में भेजी जाती है। जहां विशेषज्ञों की टीम इस डाटा पर निगरानी बनाए रखती है। अगर कोई डाटा मानक के अनुकूल नहीं होता तो तुरंत अधिकारियों को इसकी सूचना भेजी जाती है। जिसके बाद अधिकारी प्रदूषण पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए कार्य करते हैं। अधिकारियों द्वारा उस इलाके का ट्रैफिक डाइवर्ट करने के साथ पानी का छिडक़ाव, सडक़ों की सफाई जैसे उपायों को किया जाता है। इसके साथ ही उस इलाके के निर्माण कार्य और औद्योगिक इकाई पर भी नियंत्रण किया जाता है।जलवायु परिवर्तन के तहत साल 2017 में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कार्य योजना के तहत बीएचयू में महामना जलवायु परिवर्तन उत्कृष्ट शोध केंद्र के कॉर्डिनेटर प्रो आरके मल्ल ने बताया कि योगी सरकार ने शहर में 15 अलग-अलग मॉनिटरिंग स्टेशन स्थापित कर वाराणसी को बेशकीमती तोहफे से नवाजा है। इस तोहफे की सराहना चारों ओर हो रही है।