शराब ने संभाली यूपी की लडख़ड़ाती अर्थव्यवस्था

लखनऊ। लाकडाउन के दौरान निचले स्तर पर जा पहुंचे राजकीय राजस्व में सुधार होने का क्रम लगातार छठे माह दिसंबर में भी जारी रहा। पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले बीते दिसंबर में सरकार के खजाने में 2522.50 करोड़ रुपये अधिक पहुंचे। इस महीने के लिए तय लक्ष्य के सापेक्ष 86.2 फीसदी कर व करेत्तर राजस्व सरकार को मिला है। उम्मीद की जा रही है कि वित्तीय वर्ष के बाकी बचे तीन महीने में भी राज्य की आर्थिक गतिविधियों में तेजी से सुधार का क्रम जारी रहेगा। यह जानकारी प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने प्रेसवार्ता में दी। उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष के शुरुआती तीन महीने अप्रैल से जून तक कोरोना लाकडाउन के कारण राज्य की आर्थिक गतिविधियां बहुत ही खराब स्थिति में पहुंच गई थी। प्रदेश सरकार कोरोना से बचाव के साथ ही आर्थिक गतिविधियों में सुधार के लिए जो कदम उठाए गए उसके परिणाम जुलाई महीने से आने लगे। जुलाई से ही लगातार कर व करेत्तर राजस्व प्राप्ति का ग्राफ बढ़ रहा है। दिसंबर 2020 में राज्य कर प्राप्ति का लक्ष्य 14536.47 करोड़ रुपये था, जिसके सापेक्ष 12530.70 करोड़ रुपये राज्स्व की प्राप्ति हुई। लक्ष्य के सापेक्ष 86.2 फीसदी धनराशि खजाने में पहुंचा। दिसंबर 2019 में कुल 10008.20 करोड़ रुपये राजस्व की प्राप्ति हुई थी, जो कि उस समय तय लक्ष्य का महज 80 फीसदी ही था। दिसंबर में राजस्व प्राप्ति के जो आंकड़े हैं वह बता रहे हैं कि लोगों की दिनचर्या अब करीब-करीब सामान्य सी हो गई है। परिवहन और आबकारी मद में लक्ष्य से अधिक राजस्व मिलना इस बात का सूचक है कि लोगों का जीवन रफ्तार में है, भागदौड़ बढ़ी है। मौजमस्ती भी लोग खूब कर रहे हैं। दिसंबर में आबकारी मद से 3090 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य था जबकि खजाने में इस मद से 3149 फीसदी धनराशि पहुंची। लक्ष्य के मुकाबले 101.3 फीसदी राजस्व इस मद में सरकार को मिला।