कुंडली में शनि : ऐसे करें प्रसन्न

डेस्क। शनि देव को कर्म फल दाता माना जाता है। कहते हैं कि शनि देव सभी को अच्छे-बुरे कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। शनि के शुभ-अशुभ फल के कारण ही व्यक्ति धनवान या दरिद्र बनता है। ज्योतिषाचार्य संजय पाडें के अनुसार, शनि की खास स्थिति जातक के लिए धन प्राप्ति का रास्ता आसान कर सकती है। शनि की महादशा 19 साल तक चलती है। अगर शनि नकारात्मक हो तो साढ़े साती या ढैया में घोर दरिद्रता देता है। कुंडली में शनि की अच्छी स्थिति होने के बावजूद अगर कर्म शुभ न हों तो शनि खूब धन हानि करवाता है। ज्योतिषाचार्य संजय पाडें के अनुसार, अगर शनि कुंडली के अशुभ भावों में हो तो धन की राशि होती है। अगर कुंडली में अच्छी स्थिति में हो और शनि की साढेसाती या ढैया चल रही हो तो जातक बिना सही फैसले लिए कार्य करता है। जिससे धन हानि होने की संभावना रहशनि देव को कर्म फल दाता माना जाता है। कहते हैं कि शनि देव सभी को अच्छे-बुरे कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। शनि के शुभ-अशुभ फल के कारण ही व्यक्ति धनवान या दरिद्र बनता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि की खास स्थिति जातक के लिए धन प्राप्ति का रास्ता आसान कर सकती है। शनि की महादशा 19 साल तक चलती है। अगर शनि नकारात्मक हो तो साढ़े साती या ढैया में घोर दरिद्रता देता है। कुंडली में शनि की अच्छी स्थिति होने के बावजूद अगर कर्म शुभ न हों तो शनि खूब धन हानि करवाता है।