भीषण ठंड नहीं डिगा सकेगी जवानों के हौसले : डीआरडीओ ने बनाए प्रोडक्ट्स

लद्दाख। पूर्वी लद्दाख की कडक़ड़ाती ठंड में भी भारत के 50 हजार से ज्यादा सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात हैं। चीन की हर चालबाजी का जवाब देने के लिए चौबीसों घंटे भारतीय जवान अग्रिम मोर्चों पर रह रहे हैं। वहीं, इस भीषण ठंड का सामना करने के लिए डिफेंस रिसर्च एंड डिवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) ने कई प्रोडक्ट्स बनाए हैं, जिससे सैनिकों को काफी राहत मिलेगी और वे चीनी सैनिकों से हर मामले में बेहतर ही साबित होंगे। डीआरडीओ ने जिन प्रोडक्ट्स का निर्माण किया है, उनमें- हिम-तापक हीटिंग डिवाइसेस, स्नो मेल्टर्स आदि शामिल हैं। डीआरडीओ के डिफेंस इंस्टीट्यूट फॉर फिजियोलॉजी एंड अलाइड साइंसेज के निदेशक डॉ. राजीव वाष्र्णेय ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि हिम तापक स्पेस हीटिंग डिवाइस (बुखारी) पूर्वी लद्दाख, सियाचिन और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात भारतीय सैनिकों के लिए विकसित किया गया है। वहीं, अब तक इन उपकरणों के लिए 420 करोड़ रुपये से अधिक का ऑर्डर दिया भी जा चुका है। उन्होंने कहा कि यह डिवाइस सुनिश्चित करेगा कि बैकलस्ट और कार्बन मोनोऑक्साइड के कारण किसी भी जवानों की मौत न हो। इसके अलावा, डीआईपीएएस ने एलोकल क्रीम भी बनाई है, जोकि बेहद ही ठंडे इलाकों में तैनात सैनिकों को लगने वाली चोटों को ठीक करने में मदद करती है। वहीं, कई अन्य प्रोडक्ट्स में फ्लेक्सिबल वॉटर बॉटल और सोलर स्नो मेल्टर हैं, जिससे कम तापमान में पानी पीने के लिए आने वाली दिक्कतें दूर की जा सकती हैं। डॉ. वाष्र्णेय ने बताया कि हिम तापक के निर्माताओं से सेना ने 420 करोड़ रुपये का ऑर्डर किया है। उन्होंने कहा, ”इन नई डिवाइसेस को आईटीबीपी और सेना के आवासों में रखा जाएगा।” उन्होंने बताया कि नई हीटिंग डिवाइस में डीआईपीएएस द्वारा पहले बनाई गई डिवाइसों से तीन तरीके के सुधार किए गए हैं।