एमएलसी चुनाव: बीजेपी ने साधा जातीय समीकरण

विशेष संवाददाता,लखनऊ। बीजेपी ने विधान परिषद चुनावों में प्रत्याशियों के चयन के जरिए जहां जातीय समीकरण साधा है। वहीं हर क्षेत्र को प्रतिनिधित्व देकर क्षेत्रीय संतुलन साधने की भी कोशिश की है। साथ ही यह संदेश भी दे दिया है कि पार्टी व संगठन में परिश्रम करने वालों को पूरी तरजीह मिलना तय है।
विधान परिषद के लिए घोषित हुए नामों में सबसे ऊपर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव का नाम रहा। उनका जन्म मिर्जापुर में हुआ और उन कानपुर क्षेत्र से आते हैं और कुर्मी जाति से ताल्लुक रखते हैं। केंद्रीय नेतृत्व ने संगठन में उनके लंबे अनुभव व पार्टी के लिए लगातार किए गए कड़े परिश्रम को महत्व दिया है। वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के महामंत्री व अध्यक्ष रहे। प्रदेश महामंत्री रहे। वर्ष 2004 में एमएलसी बने। चार बार महामंत्री एक बार उपाध्यक्ष रहे। वहीं अवध क्षेत्र से डा. दिनेश शर्मा को उनकी संघ से निकटता, निष्ठा व अनुशासन का पुरस्कार मिला है। काशी क्षेत्र से तीन उम्मीदवारों को मौका मिला है। इसमें अमेठी से गोविंद नारायण शुक्ला और दीन दयाल उपाध्याय नगर (चंदौली) से लक्ष्मण आचार्य को तरजीह मिली। गोविंद नारायण के चयन के जरिए पार्टी ने कांग्रेस के गठ में ब्राह्मणों को साधने की कोशिश की है। गोविंद भी संगठन के सबसे निचले पायदान से संघर्ष कर प्रदेश महामंत्री बने और उन्हें महत्व मिला। वह काशी क्षेत्र के उपाध्यक्ष रहे और बाद में प्रदेश मंत्री रहे व दो बार प्रदेश महामंत्री का पद संभाला। वहीं अनुसूचित मोर्चे के काशी क्षेत्र के क्षेत्रीय मंत्री रहे सुरेंद्र चौधरी को भी पार्टी ने दलित चेहरे के रूप में तरजीह दी है। वह प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य भी हैं। सोरांव विधानसभा क्षेत्र से उन्हें टिकट दिया गया था। बाद में उनकी सीट अपना दल के कोटे में चली गई थी, लिहाजा अब उन्हें प्रत्याशी बनाकर भरपाई की गई है।पार्टी ने अश्वनी त्यागी के रूप में पश्चिमी उत्तर प्रदेश को तवज्जो दी है। मेरठ के अश्वनी मौजूदा वक्त में प्रदेश महामंत्री हैं। वह पश्चिम क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन्होंने युवा मोर्चे से राजनीति शुरू की और निष्ठा के साथ लंबे समय तक पार्टी के लिए परिश्रम करते रहे। लिहाजा पार्टी ने उनके जरिये संगठन के परिश्रम को महत्व दिया गया है। पार्टी ने कानपुर-बुंदलेखंड क्षेत्र से कुंवर मानवेंद्र सिंह और सलिल बिश्नोई को प्रत्याशी बनाया है। सलिल बिश्नोई कानपुर से विधायक रहे हैं। वह पार्टी के पुराने वफादार रहे और मौजूदा वक्त में प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। उन्हें भी संगठन में परिश्रम करने का फल मिला है। झांसी के कुंवर मानवेंद्र सिंह भी निष्ठावान कार्यकर्ताओं में रहे। उन्हें कुछ वर्ष पहले क्षेत्रीय अध्यक्ष भी बनाया गया था। वह मौजूदा वक्त में बुंदेलखंड विकास परिषद के अध्यक्ष भी हैं। वह विधान परिषद में उपसभापति भी रह चुके हैं।