बेबस हुई दिल्ली : गण का तंत्र पर हमला

अभिषेक मिश्र। बीते दो महीनों से दिल्ली के अन्य सीमायों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने व नियमित अंतराल पर सरकार से ग्यारह दौरों की लगातार बातचीत के बावजूद आज कई किसान संगठनो ने ट्रेक्टर रैली के लिए दिल्ली की ओर कूच किया । राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड के बाद ही किसानों को रैली निकलने की अनुमति दी गयी थी लेकिन समय से पहली रैली निकाली गई । उसके बाद किसानों के अलग अलग जत्थे अपने अपने नेताओं की अगुवाई में दिल्ली की विभिन्न सीमाओं से दिल्ली के भीतर प्रवेश करने के लिए बढ़े । दोपहर बारह बजे से ही ग़ाज़ीपुर सीमा से लगातार हिंसा की घटनाएं सामने आने लगी । अक्षरधाम की तरह बढ़ते हुए हिंसक भीड़ ने वहां पर एक महिला पुलिसकर्मी को भी लाठी से पीट डाला । उसके बाद समय बीतते ही किसानों का जनसैलाब आईटीओ चौराहे की तरफ बढ़ा , जहां पर एक बार फिर पुलिस से जबरदस्त भिड़ंत हुई । पुलिस को डराने के लिए किसानों ने ट्रैक्टरों को पूरे चौराहे पर नाचना शुरू कर दिया और साथ ही पत्रकारों के साथ भी अभद्र व्यवहार किया , कुछ पत्रकारों के माइक व कैमरे भी अराजक तत्वों ने तोड़ दिए । उसके बाद हिंसक किसानों के धड़े ने हाथो में नंगी तलवारें व भाले लेकर पुलिस को डराने के साथ साथ ही देश के राष्ट्रीय पर्व के दिन देश मे अराजकता फैलाने का काम किया है । किसान अलग अलग रास्ते लेकर लाल किले की ओर बढ़े और वह पहुँच कर न केवल राष्ट्रीय भावना को ठेस पहुचाया बल्कि वहां किसी विशेष संगठन के झंडा फहराकर लोकतंत्र को भी शर्मसार किया ।