आंदोलन में टर्निंग प्वाइंट: बैकफुट पर पुलिस

नोएडा। गुरुवार की शाम में गाजीपुर बॉर्डर पर जिला प्रशासन ने प्रदर्शन स्थल को खाली कराने का आदेश दे दिया था और माहौल भी वैसा ही बन गया था। मगर गाजीपुर बॉर्डर पर देर रात तक चले हाई वोल्टेज ड्रामे का अंत वैसा नहीं हुआ, जिसकी तस्वीर शाम से ही दिख रही थी। गाजीपुर बॉर्डर को छावनी में बदल दिया गया था, पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स की अतिरिक्त टीमें तैनात की गई थीं, मगर किसान नेता राकेश टिकैत के आंसू ने ऐसा टर्निंग प्वाइंट लाया कि पुलिस फोर्स को रात में ही बैरंग लौटना पड़ा।
दरअसल, गाजियाबाद प्रशासन ने प्रदर्शनकारी किसानों को गुरुवार आधी रात तक यूपी गेट खाली करने का अल्टीमेटम दिया था। दिल्ली की सीमा से लगे यूपी गेट (गाजीपुर बॉर्डर) पर गुरुवार शाम को टकराव की स्थिति के बीच भारी संख्या में सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए। वहीं प्रदर्शन स्थल पर शाम में कई बार बिजली कटौती देखी गई, जहां टिकैत के नेतृत्व में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के सदस्य 28 नवंबर से डटे हुए हैं। एक तरह से इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। डर का माहौल ऐसा था कि कुछ किसान अपना बोरिया-बिस्तर तक समेटने लगे थे। मगर तभी एक वक्त ऐसा आया जब गाजीपुर बॉर्डर का माहौल ही बदल गया। किसान नेता राकेश टिकैत मीडिया के सामने रोने लगे। वे अपनी मांग पर अड़े रहे और कहा कि वह आत्महत्या कर लेंगे लेकिन आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे।