पटना। रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा के एक बार फिर घर वापसी के आसार हैं। बुधवार को जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता बशिष्ठ नारायण सिंह ने भी उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी का जदयू में विलय के सवाल पर कहा कि उस दिशा में सकारात्मक बात चल रही है। याद रहे उपेंद्र कुशवाहा का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से रूठने और फिर उनसे जुडऩे का यह पहला मौका नहीं है। उपेंद्र ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही शुरू की। नीतीश कुमार ने उन्हें आगे भी बढ़ाया। हालांकि, कई बार मतभेदों के कारण उपेंद्र ने पार्टी छोड़ी और फिर वापस आए। इससे पहले दो बार वे अलग हुए। कुशवाहा कहते भी हैं कि वे नीतीश कुमार से कभी अलग नहीं हुए। काबिले गौर है कि जब-जब जदयू से अलग हुए उन्हें एक बार को छोड़ कोई बड़ा प्लेटफॉर्म नहीं मिला। वर्ष 2014 में एनडीए के तहत लोकसभा चुनाव लड़े और तीन सीटें जीतीं। उपेंद्र कुशवाहा मंत्री भी बने। लेकिन, 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को दो सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। बाद में वे महागठबंधन का भी हिस्सा बने, पर 2020 के चुनाव के पहले ही वहां से अपने को अलग कर लिया। फिर कई दलों का गठबंधन बनाकर विधानसभा चुनाव में उतरे, पर उन्हें सफलता नहीं मिली।
जदयू में विलय होगी उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी
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